चुनावी गठबंधन की सुगबुगाहट के बीच अमित शाह से मिले ‘मनसे’ नेता राज ठाकरे

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता राज ठाकरे ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और संकेत दिया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पश्चिमी राज्य में अपना गठबंधन मजबूत करने के लिए लोकसभा चुनाव में उनके साथ गठबंधन करने की संभावना तलाश रही है।

मनसे के वरिष्ठ नेता बाला नंदगांवकर ने मुंबई में कहा कि दोनों नेताओं के बीच लोकसभा चुनाव पर बातचीत ‘सकारात्मक’ रही और एक या दो दिन में विवरण साझा किया जाएगा।

इस बैठक पर महा विकास अघाडी (एमवीए) खेमे से तीखी प्रतिक्रिया आई और कांग्रेस ने भाजपा पर उत्तर भारतीयों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया।

शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर चुनाव जीतने के लिए ठाकरे को चुराने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

अजित पवार खेमे से ताल्लुक रखने वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता और राज्य के मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि अगर मनसे भाजपा नीत ‘महायुति’ से जुड़ती है तो इससे सत्तारूढ़ गठबंधन की ताकत बढ़ जाएगी।

देर सोमवार को दिल्ली पहुंचे राज ठाकरे के साथ भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े भी थे और वह तब भी मौजूद रहे तब ठाकरे ने दिन में शाह से मुलाकात की।

अगर महागठबंधन होता है तो मनसे को मुंबई से चुनाव लड़ने के लिए एक सीट दी जा सकती है जहां से उनके चचेरे भाई उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाला शिवसेना (यूबीटी) का काफी प्रभाव माना जाता है।

राज ठाकरे ने अपने चचेरे भाई के नेतृत्व वाले शिवसेना से अलग होने के बाद 2006 में मनसे की स्थापना की थी।

भले ही राज को एक शक्तिशाली वक्ता के रूप में देखा जाता है और उनका एक समर्थक वर्ग भी है लेकिन मनसे अब तक चुनावों में ज्यादा प्रभाव नहीं डाल सकी है।

पूर्व में उत्तर भारतीयों के खिलाफ उनकी विवादास्पद टिप्पणियों की भाजपा सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने तीखी आलोचना की थी।

मराठी मानुष के मुद्दे को आगे रखकर मनसे ने 2009 का लोकसभा चुनाव लड़ा। हालांकि, पार्टी ने कुछ निर्वाचन क्षेत्रों, विशेष रूप से मुंबई में कई शिवसेना और भाजपा उम्मीदवारों की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया।