मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने डब्ल्यूएचओ-एमपावर पर 3 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का किया उद्घाटन

मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने डब्ल्यूएचओ-एमपावर पर 3 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का किया उद्घाटन

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशानुसार पंजाब को तंबाकू मुक्त राज्य बनाने के लिए चल रही मुहिम के बीच पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि पंजाब राज्य ने हाल ही में राज्य में हुक्का बार पर प्रतिबंध लगाने सहित तंबाकू नियंत्रण में अनुकरणीय कार्य किया है।

डॉ. बलबीर सिंह ‘डब्ल्यूएचओ-एमपावर और फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन टोबैको कंट्रोल (डब्ल्यूएचओ एफसीटीसी) अनुच्छेद 5.3 के कार्यान्वयन’ पर 3 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।

कार्यशाला का आयोजन रिसोर्स सेंटर फॉर टोबैको कंट्रोल (आरसीटीसी), सामुदायिक चिकित्सा विभाग और स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ द्वारा किया गया था और इसे वाइटल स्ट्रैटेजीज का समर्थन प्राप्त था। यहां होटल माउंटव्यू में आयोजित इस कार्यशाला में भाग लेने के लिए 12 अलग-अलग राज्यों से कम से कम 35 प्रतिनिधि आए हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने उपस्थित लोगों को बताया कि पंजाब देश का पहला राज्य है जिसने विश्व स्वास्थ्य संगठन के एफसीटीसी अनुच्छेद 5.3 को लागू करने के लिए एक अधिकार प्राप्त समिति का गठन किया है।

उन्होंने कहा कि पंजाब ई-सिगरेट को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत गैर-अनुमोदित दवा घोषित करने वाला भी पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि राज्य में कुल 865 गांवों ने पंचायतों द्वारा प्रस्ताव पारित कर स्वयं को तंबाकू मुक्त गांव घोषित किया है।

डॉ. बलबीर सिंह ने 2018 से तंबाकू नियंत्रण में उनके नेतृत्व और इस महत्वपूर्ण कार्यशाला के आयोजन के लिए आरसीटीसी टीम को बधाई दी। उन्होंने आरसीटीसी के थीम-आधारित समाचार पत्र, टोबैको-फ्री टाइम्स के 29वें संस्करण का भी विमोचन किया, जिसमें देश में तंबाकू नियंत्रण में डिजिटल हस्तक्षेप की सर्वोत्तम प्रथाओं को संकलित किया गया है।

सामुदायिक चिकित्सा विभाग और स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ तथा आरसीटीसी के निदेशक प्रोफेसर सोनू गोयल ने विश्व स्वास्थ्य संगठन एफसीटीसी अनुच्छेद 5.3 की स्थिति, तंबाकू के उपयोग को रोकने के लिए विभिन्न राज्यों द्वारा किए जा रहे कार्यों तथा इन प्रयासों से सीखने के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।

उन्होंने सम्पूर्ण सरकारी दृष्टिकोण के माध्यम से तम्बाकू नियंत्रण को मजबूत करने, नेटवर्किंग और साझेदारी को बढ़ाने पर जोर दिया तथा ऑनलाइन पाठ्यक्रमों और प्रकाशनों सहित आर.सी.टी.सी. के माध्यम से उपलब्ध संसाधनों के बारे में विस्तार से बताया।

उन्होंने तंबाकू एंडगेम हब के निर्माण पर भी प्रकाश डाला, जिसका उद्देश्य अनुच्छेद 5.3 पर राज्य-विशिष्ट नीतियां विकसित करना और राज्य स्तरीय निगरानी तंत्र स्थापित करना है।

भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अतिरिक्त उप महानिदेशक एवं ईएमआर निदेशक डॉ. एल. स्वस्तिचरण ने अनुच्छेद 5.3 के महत्वपूर्ण महत्व तथा इसके कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए इस तरह की कार्यशालाओं की आवश्यकता पर चर्चा की।

वाइटल स्ट्रैटेजीज के निदेशक डॉ. राणा जे सिंह ने भारत में तंबाकू के बोझ, इसके आर्थिक प्रभाव और प्रभावी नीति निर्माण और कार्यान्वयन के माध्यम से इसके प्रसार को रोकने की आवश्यकता पर चर्चा की।

कार्यशाला में राजस्थान कैंसर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता, श्री प्रवीण सिन्हा और वाइटल स्ट्रैटेजीज के तकनीकी सलाहकार डॉ. शिवम कपूर सहित कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।