Mann Ki Baat में बोले PM मोदी- टेक्नोलॉजी ने बदली जिंदगी, जन-आंदोलन का रूप ले रहा ‘आजादी का अमृत महोत्सव’

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के लिए यह गौरव की बात है कि ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ एक जन-आंदोलन का रूप ले रहा है। अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात में रविवार को पीएम मोदी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्रियों के योगदान को याद करने के लिए आजादी के अमृत महोत्सव से अच्छा समय और क्या हो सकता है।

उन्होंने कहा कि देश के लिए यह गौरव की बात है कि आजादी का अमृत महोत्सव एक जन-आंदोलन का रूप ले रहा है। इतिहास को लेकर लोगों की दिलचस्पी काफी बढ़ रही है और ऐसे में प्रधानमंत्री संग्रहालय युवाओं के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन रहा है जो देश की अनमोल विरासत से उन्हें जोड़ रहा है।

उन्होंने कहा, “आप सब जानते हैं कि 18 मई को पूरी दुनिया में इंटरनेशन म्यूजियम डे मनाया जाएगा। इसे देखते हुए अपने युवा साथियों के लिए मेरे पास एक आइडिया है। क्यों न आने वाली छुट्टियों में आप अपने दोस्तों की मंडली के साथ स्थानीय म्यूजियम देखने जाएं। आप अपना अनुभव म्यूजियम मेमोरीज के साथ जरूर साझा करें।”

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि इस 14 अप्रैल को बाबा साहेब अम्बेडकर की जयन्ती पर प्रधानमंत्री संग्रहालय का लोकार्पण हुआ है। इसे, देश के नागरिकों के लिए खोल दिया गया है। इस संग्रहालय में महात्मा गांधी, सरदार पटेल, डॉ. अम्बेडकर, जय प्रकाश नारायण और हमारे प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के बारे में भी बहुत ही रोचक जानकारियां हैं।

उन्होंने कहा कि अब तो, संग्रहालयों के महत्व की वजह से कई लोग, खुद आगे आकर उनके लिए काफी दान भी कर रहे हैं। बहुत से लोग अपने पुराने कलेक्शन को, ऐतिहासिक चीज़ों को भी दान कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “आप जब ऐसा करते हैं तो एक तरह से आप एक सांस्कृतिक पूंजी को पूरे समाज के साथ साझा करते हैं। भारत में भी लोग अब इसके लिए आगे आ रहे हैं। मैं, ऐसे सभी निजी प्रयासों की भी सराहना करता हूं।”

वहीं, पीएम मोदी ने कहा कि टैक्नोलॉजी की ताकत कैसे सामान्य लोगों का जीवन बदल रही है, ये हमें हमारे आस-पास लगातार नजर आ रहा है। पिछले कुछ सालों में BHIM UPI तेजी से हमारी अर्थव्यवस्था और आदतों का हिस्सा बन गया है। अब तो छोटे-छोटे शहरों में और ज्यादातर गांवों में भी लोग UPI से ही लेन-देन कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पानी की उपलब्धता और पानी की क़िल्लत, ये किसी भी देश की प्रगति और गति को निर्धारित करते हैं। आपने भी गौर किया होगा कि ‘मन की बात’ में, मैं स्वच्छता जैसे विषयों के साथ ही बार-बार जल संरक्षण की बात जरुर करता हूँ। जल से जुड़ा हर प्रयास हमारे कल से जुड़ा है। इसमें पूरे समाज की जिम्मेदारी होती है। इसके लिए सदियों से अलग-अलग समाज, अलग-अलग प्रयास लगातार करते आए हैं।