Mann Ki Baat में बोले PM मोदी- आजादी का अमृत महोत्सव बन रहा है जन आंदोलन

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ एक जन आंदोलन बन रहा है, जिसमें स्वतंत्रता के 75 वर्ष मनाने के लिए हर वर्ग के लोग शामिल हो रहे हैं। रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में पीएम मोदी ने सुझाव दिया कि नागरिक 2-15 अगस्त तक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तिरंगे को अपनी प्रोफाइल पिक्चर के रूप में लगा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि दुनिया में आयुर्वेद और भारतीय औषधियों के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है और यही वजह है कि आयुष के निर्यात में रिकार्ड तेजी आई है। प्रधानमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि मधुमक्खी पालन और शहद मिशन जैसी पहल हमारे किसानों की आय बढ़ाने में मदद कर रही है और उनके जीवन को बदल रही है।

दुनिया में बढ़ रही है आयुष उत्पादों की मांग : PM मोदी

आकाशवाणी पर अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 91वें संस्करण में देशवासियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान दुनिया भर में आयुष उत्पादों की रूचि देखी गई है। कोरोना के खिलाफ देशवासियों की लड़ाई अब भी जारी है। पूरी दुनिया आज भी जूझ रही है।

उन्होंने कहा कि समग्र स्वास्थ्य देखभाल में लोगों की बढ़ती रुचि ने महामारी से निपटने में सभी की बहुत मदद की है। इसमें भारतीय पारम्परिक पद्धतियां उपयोगी हैं। पीएम मोदी ने कहा, “कोरोना के खिलाफ लड़ाई में, आयुष ने तो, वैश्विक स्तर पर, अहम भूमिका निभाई है। दुनियाभर में आयुर्वेद और भारतीय औषधियों के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है।” उन्होंने कहा कि इसी कारण से आयुष निर्यात में रिकॉर्ड तेजी आई है और इस क्षेत्र में कई नए स्टार्ट अप सामने आ रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल ही में वैश्विक आयुष निवेश एवं नवाचार सम्मेलन हुआ था। इसमें, करीब दस हज़ार करोड़ रूपए के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। उन्होंने कहा, “कोरोना काल में, औषधीय पौधों पर शोध में भी बहुत वृद्धि हुई है। इस बारे में बहुत -से शोध प्रकाशित हो रहे हैं।निश्चित रूप से यह एक अच्छी शुरुआत है।”

पीएम मोदी ने कहा, “देश में विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों को लेकर एक और बेहतरीन प्रयास हुआ है। अभी-अभी जुलाई में इंडियन वर्चुअल हरबेरियम जारी किया गया। यह एक डिजिटल प्रयोग का उदाहरण है जिससे हम अपनी जड़ी बूटियों से जुड़े रह सकते हैं। यह भारतीय पौधों पौधों और उनके फूल पत्तियों तथा विभिन्न अंगों के बारे में रोचक संग्रह है। इसमें एक लाख से अधिक प्रजातियों और उनके बारे में सूचनाएं एकत्र की गई हैं।” उन्होंने आगे कहा कि यह भारतीय जैव-विविधता का समृद्ध संग्रह है जिससे शोध को बढ़ावा मिलेगा।

‘बढ़ रहा है भारतीय खिलौनों का निर्यात’

वहीं, देश में निर्मित खिलौनों को प्राथमिकता देने का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि परंपरागत भारतीय खिलौनों का निर्यात बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के पास खिलौना निर्यात में शक्तिपुंज बनने की पूरी क्षमता है। भारत के स्थानीय खिलौने- परंपरा और प्रकृति, दोनों के अनुरूप और पर्यावरण के अनुकूल होते हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि युवा उद्यमियों और स्टार्टअप्स की बदौलत भारतीय खिलौनों की गूंज दुनियाभर में हो रही है। उन्होंने कहा, “भारत में विदेश से आने वाले खिलौनों की संख्या, लगातार कम हो रही है। पहले जहां तीन हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के खिलौने बाहर से आते थे, वहीं अब इनका आयात 70 प्रतिशत तक घट गया है। इसी दौरान, भारत ने, 2600 करोड़ रुपए से अधिक के खिलौनों को विदेशों में निर्यात किया है, जबकि पहले, 300-400 करोड़ रुपए के खिलौने ही भारत से बाहर जाते थे।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “ये सब, कोरोना काल में हुआ है। भारत के खिलौना क्षेत्र ने खुद को परिवर्तित करके दिखा दिया है। भारतीय उद्योग अब, भारतीय संस्कृति, इतिहास और पौराणिक कथाओं पर आधारित खिलौने बना रहे हैं। देश में जगह-जगह खिलौनों के जो संकुल हैं, खिलौने बनाने वाले जो छोटे-छोटे उद्यमी हैं, उन्हें, इसका बहुत लाभ हो रहा है। इन छोटे उद्यमियों के बनाए खिलौने दुनियाभर में जा रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि भारत के खिलौना निर्माता, विश्व के प्रमुख विश्व एक खिलौना ब्रांड के साथ मिलकर भी काम कर रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने उन्होंने भारतीय खिलौनों को बढ़ावा देने के लिए देश की कई कंपनियों का उल्लेख किया।