उत्तर प्रदेश पुलिस के सतर्कता अधिष्ठान ने लखनऊ के उप आयुक्त (वाणिज्यकर) धनेन्द्र कुमार पांडेय को मंगलवार को यहां जीएसटी रिफंड पास करने के एवज में दो लाख रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। सतर्कता अधिष्ठान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
सतर्कता अधिष्ठान, लखनऊ इकाई के पुलिस अधीक्षक (एसपी) डॉक्टर अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि अधिष्ठान भ्रष्टाचार के विरुद्ध सरकार की कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति के तहत पूरे राज्य में लोक सेवकों के खिलाफ जाल बिछाकर कार्यवाही कर रहा है।
उन्होंने बताया कि इसके लिए रिश्वत रोधी हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है और इस नंबर पर एक एक्सपोर्ट कंपनी के प्रतिनिधि ने फोन करके बताया कि वाणिज्य कर के उप आयुक्त ने उनकी कंपनी के जीएसटी रिफंड पास करने के एवज में दो लाख रुपये रिश्वत मांगी है।
एसपी के मुताबिक कंपनी ने करीब 20 लाख रुपये जीएसटी रिफंड का दावा किया था। यह रिफंड यहां वाणिज्यकर कार्यालय मीराबाई मार्ग (लखनऊ) में तैनात उपायुक्त (जीएसटी) जोन 20 धनेन्द्र कुमार पांडेय द्वारा स्वीकृत किया जाना था।
पांडेय ने कंपनी प्रतिनिधि से दो लाख रुपये रिश्वत मांगी थी।
एसपी ने बताया कि कंपनी प्रतिनिधि ने यह सूचना सतर्कता मुख्यालय को दी और इसके बाद टीम गठित करते विधिक प्रक्रिया पूरी करते हुए मंगलवार शाम करीब चार बजे वाणिज्य कर कार्यालय पर छापा मारकर पांडेय को दो लाख रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया।
डॉक्टर चतुर्वेदी ने बताया कि आरोपी वाणिज्य कर उपायुक्त के खिलाफ विजिलेंस थाना लखनऊ सेक्टर में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की संबंधित धारा में प्राथमिकी दर्ज की गयी। उन्होंने कहा कि मामले में अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रही है।