दिवंगत Gurmeet Bawa को मरणोपरांत पद्म भूषण से किया गया सम्मानित, बेटी गलोरी ने लिया पुरस्कार…

पंजाब की लोक विरासत को संभालने वाली गुरमीत बावा को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मरणोपरांत पद्म भूषण अवॉर्ड देकर सम्मानित किया है। यह अवॉर्ड राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनकी बेटी गलोरी बावा को सौंपा हैं,वहीं 77 साल पंजाब की विरासत को सौंपने के बाद गुरमीत बावा का 21 नवंबर 2021 को देहांत हो गया था।

पंजाब की लोग गायकी को लोगों के बीच जिंदा रखने वाली मल्लिका गुरमीत बावा को मरणोपरांत पद्म भूषण अवॉर्ड देकर सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मल्लिका गुरमीत बावा की बेटी को पदम भूषण अवॉर्ड देकर सम्मानित किया है।

तो आइये जानते हैं कौन है लोकगायकी गुरमीत बावा

अपनी आवाज के लिए पहचानी जाने वाली गुरमीत बावा का जन्म 1944  में गांव कोठे गुरदासपुर में हुआ था।बता दें कि उस समय पंजाब में लड़कियों को पढ़ने नहीं दिया जाता था। लेकिन उसके बाद भी गुरमीत ने शादी के बाद अपनी पढ़ाई पूरी की। वहीं गुरमीत की शादी किरपाल बावा के साथ हुई। जिसके बाद दोनों ने मिलकर पंजाब की विरासत संभाली।

2021 में ली थी आखिरी सांस

गुरमीत बावा की बेटी लाची बावा के साल 2019 में गुजर जाने के बाद से वह लगातार बीमार रही थीं, और साल 2021 के नवंबर 21 को उन्होनें एक निजी अस्पताल में आखिरी सांस ली।

पति ने दिया था गुरमीत का साथ

कहते हैं किसी के साथ के बिना कुछ कर पाना बहुत कठिन होता है, ठीक इसी तरह गुरमीत बावा की तरक्की के पीछे भी कोई था, और वह कोई और नहीं खुद उनके पति किरपाल थे जिन्होनें गुरमीत को JBT करवाई और फिर वह टीचर बनीं। बतां दे कि गुरमीत अपने इलाके की पहली ऐसी महिला थी जो टीचर बनीं थी। इसी के साथ किरपाल ने गुरमीत के हुनर को पहचाना और मुबंई तक पहुंचाया, जिसके बाद गुरमीत ने मुबंई से पंजाबी इंडस्ट्री के साथ-साथ बॉलीवुड में भी कई हिट गाने दिए।

रिकॉर्ड आज भी है बरकरार…

गुरमीत बावा को लंबी हेक की मल्लिका भी कहा जाता था। बता दें कि गुरमीत का 45 सेकेंड तक हेक लगा लेने वाला रिकॉर्ड अभी तक बरकरार है।

बेटियों को भी इंडस्ट्री से जोड़ा…

गुरमीत बावा ने अपनी तीनों बेटी को भी पंजाबी फोक म्यूजिक से जोड़कर रखा। जिनमें से एक लाची बावा थी, जिनका 2019 में देहांत हो गया। लेकिन उनके अलावा गलोरी और पोपी बावा दो बेटियां भी हैं।

क्या है मरणोपरांत पुरस्कार, किसे दिया जाता है

पद्म विभूषण सम्मान भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला दूसरा उच्च नागरिक सम्मान है, जो देश के लिये असैनिक क्षेत्रों में बहुमूल्य योगदान के लिये दिया जाता है। यह सम्मान भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है। इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में की गयी थी। भारत रत्‍न के बाद यह दूसरा प्रतिष्ठित सम्मान है।