कुरुक्षेत्र का चुनावी रण हुआ रोचक, सुशील गुप्ता के परिजनों ने संभाला प्रचार-प्रसार का जिम्मा

कुरुक्षेत्र का चुनावी रण हुआ रोचक, सुशील गुप्ता के परिजनों ने संभाला प्रचार-प्रसार का जिम्मा

लोकसभा चुनाव के आखिरी 4 चरणों को लेकर प्रचार प्रसार तेज़ हो गया है। नेताओं और उनके समर्थकों के द्वारा लगातार अपने पक्ष में मतदान करने की अपील की जा रही है।

इस बीच हरियाणा की कुरुक्षेत्र में भी राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। बीते दिनों कई सरपंचों और भाजपा के पूर्व नेताओं के द्वारा इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार सुशील गुप्ता को समर्थन दिए जाने के बाद समीकरण बदल गया है।

इस दौरान अब सुशील गुप्ता के परिजनों ने प्रचार प्रसार का जिम्मा संभाल लिया है। उनका पूरा परिवार और सम्बन्धी भी उन्हें जिताने में दिन रात एक किये हुए हैं।

कुरुक्षेत्र संसदीय क्षेत्र के अलग अलग हिस्सों में जाकर सुशील गुप्ता के पक्ष में मतदान करने को बोल रहे हैं। साथ ही सुशील गुप्ता के विजन से भी सबको अवगत करवा रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक़, कुरुक्षेत्र संसदीय क्षेत्र के थानेसर में उनकी धर्मपत्नी सुमित्रा गुप्ता, बेटी मनीषा गुप्ता और भाई राजेश गोयल मोर्चा संभाले हुए हैं।

वहीं पुंडरी में उनके बड़े भाई रतन लाल गर्ग, लाडवा से पुत्र भरत गुप्ता, कलायत से भतीजे सत्यपाल गुप्ता तैनात हैं। कैथल से उनके बड़े भाई महावीर प्रसाद गुप्ता, रादौर से भतीजे रोहित गुप्ता और शाहबाद से भाभी डॉ. रजनीश जैन समर्थन जुटाने में लगी हुई हैं।

साथ ही पेहोवा से डॉ. सुशील गुप्ता के छोटे भाई बजरंग लाल गर्ग और गुहला से भतीजे वीरेंद्र गर्ग प्रचार की कमान सम्भाले हुए हैं। इस वजह कुरुक्षेत्र का चुनाव काफी रोचक हो गया है।

इस मौके पर लोकसभा प्रत्याशी सुशील गुप्ता की धर्मपत्नी सुमित्रा गुप्ता लोगों से अपील कर रही हैं कि जैसे आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में मुफ्त बिजली पानी का सपना साकार कर के दिखाया है वैसे ही हरियाणा में भी लागू करने के लिए जनता के सहयोग की ज़रुरत है।

इसलिए डॉ. सुशील गुप्ता को 25 मई को वोट करके अपना समर्थन और वोट दें। इसके साथ ही सुशील गुप्ता की बेटी भी पिता के समर्थन में धुंवाधार प्रचार कर रही है।

वो घर घर जाकर अपने पिता के पक्ष में वोट करने की अपील कर रही हैं। मनीषा गुप्ता जनता से अपील करते हुए कह रही हैं कि हम काम के आधार पर वोट मांग रहे हैं।

वर्तमान स्थिति में लोगों को विकास की ज़रुरत है। अगर लोगों की ज़रूरतों पूरा करना ही हमारी प्राथमिकता रहेगी। अगली बार हम स्वयं आकर आपसे पूछेंगे कि हमने क्या काम किया है।