प्रदर्शनकारियों के आगे झुकी इजरायल सरकार, विवादित न्यायिक सुधार कानून निलंबित

इसरायल में पिछले कुछ दिनों से लोग सड़कों पर उतर कर सरकार का विरोध कर रहे थे. इसरायल सरकार ने एक न्यायिक सुधारों पर बिल लाई थी जिसके विरोध में लोग सडकों पर थे. अब नेतन्याहू ने ऐलान किया है कि न्यायिक सुधारों के विधेयक पर संसद में चर्चा अगले सत्र तक टाल दिया गया है. राजधानी तेल अवीव में दसियों हजार लोग विरोध प्रर्दन कर रहे थे, जिसमें टीचर, कारोबारी, डॉक्टर, एयरपोर्ट पर काम करने वाले लोग भी शामिल हुए थे. इस हड़ताल को देश की सबसे बड़ी ट्रेड यूनियन ने बुलाई थी.   

क्या है न्यायपालिका से जुड़े बदलाव?

सरकार जो प्रस्ताव लाई है उसमें सरकार की ताकत और कोर्ट की ओर से उसे नियंत्रण से संबंधित है. अदालत को सरकार के अधिकारों पर निगरानी रखने और उस पर अंकुश लगाने का अधिकार है, लेकिन नेतन्याहू सरकार इसे बदलना चाहती है. न्यायिक सुधरों के विधयक पास होने के बाद कानूनों की समीक्षा और उन्हें खारिज करने की सुप्रीम कोर्ट की ताकत घट जाएगी. संसद बहुमत के जरिए कोर्ट के फैसले को बदल सकती है. सुप्रीम कोर्ट समेत सभी अदालतों में जजों की नियुक्ति में भी सरकार का फैसला निर्णायक होगा. मंत्रियों के लिए कानूनी सलाहकारों की सलाह मानना जरूरी नही रह जाएगा.