हरियाणा कांग्रेस में हुड्डा हुए ‘पावरफुल’, किरण चौधरी के जाने से SRK गुट कमजोर

हरियाणा कांग्रेस में हुड्डा हुए 'पावरफुल', किरण चौधरी के जाने से SRK गुट कमजोर

चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़:

हरियाणा में कांग्रेस को बीजेपी ने झटका तो बड़ा दिया है, लेकिन किरण चौधरी और बेटी श्रुति चौधरी के बीजेपी में जाने से पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और ज्यादा मजबूत होते दिखाई दे रहे है।

दरअसल हरियाणा में कांग्रेस दो गुटों में बंटी हुई है, जिसमें एक गुट हुड्डा का और दूसरा गुट SRK यानि कि सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी का। लेकिन किरण चौधरी के बीजेपी में जाने से SRK गुट कमजोर हो गया है और हुड्डा गुट पहले से ज्यादा मजबूती महसूस कर रहा है।

हुड्डा गुट को फिर मिल सकती है खुली छूट

लोकसभा चुनाव के टिकट वितरण में भेदभाव का आरोप लगाने के बाद किरण चौधरी ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन की। इसी प्रकार से कुमारी सैलजा भी हुड्डा पर टिकट वितरण में मनमानी का आरोप लगा चुकी है।

ऐसे में किरण चौधरी की ओर से पार्टी को अलविदा कहने के बाद एक बार फिर से भूपेंद्र हुड्डा को विधानसभा चुनाव में भी टिकट वितरण में छूट मिल सकती है। हुड्डा खेमा हाईकमान को पहले भी कईं बार अपनी ताकत का एहसास करा चुका है।

मौजूदा समय में भी लोकसभा के विजयी 5 सांसदों में से कुमारी सैलजा को छोड़कर शेष सभी 4 सांसद भूपेंद्र हुड्डा खेमे से ही है। इसी प्रकार के कुछ विधायकों को छोड़कर शेष सभी विधायक भी उनके साथ ही खड़े नजर आते हैं।

ऐसे में हुड्डा एक बार फिर से हरियाणा में अपने लिए फ्री हैंड मांग सकते हैं। पिछले 10 साल से सियासत की बांट जोह रही कांग्रेस एक बार फिर से हुड्डा को फ्री हैंड देने का फैसला भी ले सकती है।

चंद्रमोहन लगातार कर रहे सैलजा को सीएम बनाने की पैरवी

हालांकि SRK गुट में अब बीरेंद्र सिंह और उनके बेटे के साथ साथ पूर्व सीएम चंद्रमोहन बिश्नोई भी मजबूती के साथ डटे है और मौका लगते ही कुमारी सैलजा को मुख्यमंत्री का दावेदार बताने से कतराते नहीं है।

पूर्व सीएम चंद्रमोहन बिश्नोई तो सार्वजनिक मंचों पर सैलजा की पैरवी कर रहे है, हो भी क्यों नहीं, सैलजा लगातार पूर्व सीएम चंद्रमोहन बिश्नोई के लिए हिसार लोकसभा सीट से टिकट मांग रही थी, लेकिन हुड्डा गुट जयप्रकाश (जेपी) को टिकट दिलवाकर SRK गुट पर भारी पड़ा।

वहीं, किरण चौधरी ने भी पार्टी छोड़ने का सबसे बड़ा कारण हुड्डा की मनमानी को ही बताया है क्योंकि भिवानी महेंद्रगढ़ से हुड्डा गुट ने उनकी बेटी श्रुति चौधरी का टिकट कटवाकर राव दान सिंह को दे दिया, हालांकि वो चुनाव हार गए।

लोकसभा चुनाव की टिकट वितरण में भी हुड्डा गुट रहा हावी

वहीं हाल के लोकसभा चुनावों में भी उम्मीदवारों के चयन में भी हुड्डा की खूब चली और लोकसभा के लिए चुने गए पांच में से चार उम्मीदवार, शैलजा को छोड़कर, उनके समूह के ही साथ हैं।

वहीं 9 टिकटों में से हुड्डा गुट ने 8 टिकटों पर खुद के उम्मीदवारों को टिकट दिलवाई वहीं सिर्फ सिरसा लोकसभा सीट से कुमारी सैलजा टिकट लेने में कामयाब रही, हालांकि जानकार कहते है कि सैलजा सिरसा की बजाए अंबाला से टिकट चाहती थी लेकिन हुड्डा गुट ने वहां पर भी वरूण मुलाना को टिकट दिलावाया और अंबाला से वरूण मुलाना जीते भी।

हुड्डा के साथ रहे है ज्यादातर विधायक और सांसद

बात अगर पूर्व सीएम हुड्डा के मुख्यमंत्री बनने के पहले टर्म की करें तो तब से लेकर आज 2024 तक पिछले बीस साल से हुड्डा गुट कांग्रेस पर हमेशा हावी रहा है, ज्यादातर विधायक हुड्डा गुट के साथ दिखाई दिए और अपने विधायकों को हमेशा भूपेंद्र हुड्डा ने कांग्रेस के प्रति एकजुट रखा है।

हाईकमान का हुड्डा पर है पूरा भरोसा

ऐसे में हाईकमान को भी इस बात का अंदाजा है कि हरियाणा में अगर कांग्रेस की सत्ता वापसी हो सकती है तो उसमें पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा को इग्नोर नहीं किया जा सकता है और इसी कारण हुड्डा को लोकसभा चुनाव में भी टिकट वितरण का पूरा सपोर्ट हाईकमान ने दिया।

वहीं आगामी विधानसभा चुनावों में भी अनुमान यही है कि हरियाणा कांग्रेस की टिकटों का वितरण हुड्डा गुट की अगुवाई में ही हाईकमान करेगा। ऐसे में कहा जा सकता है कि हरियाणा में कांग्रेस में आज के दिन पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा सबसे पॉवरफुल नेता है