बीजेपी और कांग्रेस दोनों दल करेंगे मीर जाफर और जयचंदों की पड़ताल, बीजेपी ने बुलाई मीटिंग

बीजेपी और कांग्रेस दोनों दल करेंगे मीर जाफर और जयचंदों की पड़ताल, बीजेपी ने बुलाई मीटिंग

चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़ : 2019 के लोकसभा चुनाव की तरह इस बार भी प्रदेश की सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने के बीजेपी के दावे की जनता ने हवा निकाल दी। हरियाणा की जनता ने जहां 10 में से 5 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों को जीत दिलाने की तैयारी है। वहीं, बीजेपी को भी 10 की बजाए 5 सीटों पर ही सिमटती दिख रही है। बीजेपी को शायद पहले ही इस बात का आभास हो गया था इस बार वह पिछले चुनाव की तर्ज पर सभी सीटों पर कब्जा नहीं कर पाएंगे। यहीं कारण है कि लोकसभा चुनाव के मतदान के बाद बीजेपी के कुछ नेताओं और खुद पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कुछ अधिकारियों पर विपक्ष के पक्ष में मतदान करवाने के आरोप लगाने शुरू कर दिए थे।

इतना ही नहीं बीजेपी के कुछ प्रत्याशियों ने तो पार्टी के कईं पदाधिकारियों के खिलाफ सीएम नायब सिंह सैनी को लिखित में शिकायत भी दी थी कि चुनाव के दौरान उन लोगों ने पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ प्रचार किया। ऐसे में अब सरकार के सामने जहां विपक्ष की मदद करने वाले अधिकारियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की चुनौती होगी। वहीं, संगठन के सामने भी चुनाव में पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ प्रचार करने वालों के विरुद्ध एक्शन लेने की चुनौती होगी, जिससे पार्टी के दूसरे नेताओं में भी संदेश जा सके।

बीजेपी की तरह ही कांग्रेस को भी कईं स्थानों पर अपने नेताओं के विरोध के भीतरघात का सामना करना पड़ा, जिसके चलते भिवानी-महेंद्रगढ़ और गुरुग्राम की सीट कांग्रेस के हाथ से छिटक गई। यहां पर भिवानी-महेंद्रगढ़ से श्रुति चौधरी का टिकट कटना एक बड़ा कारण माना जा रहा है। इसी प्रकार से गुरुग्राम से राज बब्बर को उत्तर प्रदेश से लाकर यहां से चुनावी मैदान में उतारा गया। इसी के चलते स्थानीय कांग्रेस नेताओं में कहीं ना कहीं रोष पनप रहा था।

बीजेपी ने बनाई 5 दर्जन नेताओं की लिस्ट

लोकसभा के मतदान के बाद भीतरघात की शिकायतें मिलने पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पार्टी प्रत्याशियों और बाद में जिला अध्यक्षों के साथ अलग-अलग मीटिंग की थी। बताया जा रहा है कि सीएम से मीटिंग के दौरान कई प्रत्याशियों ने उन्हें जिला अध्यक्षों समेत कई अन्य नेताओं के नाम भी बताए थे, जिन्होंने चुनाव के दौरान पार्टी के खिलाफ काम किया। ऐसे में बीते दिनों मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 5 दर्जन से अधिक पार्टी नेताओं की लिस्ट तैयार किए जाने की बात कही गई थी। चुनाव में हुए भीतरघात को लेकर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल लगातर हाई कमान से भी संपर्क बनाए हुए है। ऐसे में देखना होगा कि अब दोनों दलों की ओर से पार्टी के खिलाफ काम करने वाले नेताओं के खिलाफ क्या एक्शन लेते हैं ?