एक जमाने में मेरठ की गलियों में जिस गोल्डन चश्मे वाले की दहशत रही, जिसके कारनामों से पूरा शहर थर्राता था। हत्या, फिरौती, किडनैपिंग जैसे कुख्यात काम जिसकी दिनचर्या का हिस्सा बन गए।
हम बात कर रहे हैं माफिया डॉन बदन सिंह बद्दो की। गुनाहों की दुनिया के शौकीन बदन सिंह बद्दो पर कानूनी पंजे की पैनी नज़र है।
दरअसल बद्दो के खिलाफ लखनऊ की एक अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। ये वारंट कोर्ट में हुए जीवा शूटआउट केस में जारी किया गया है।
यूं तो यूपी की योगी सरकार ने बड़े बड़े माफियाओं की हेकड़ी निकाल दी लेकिन बदन सिंह बद्दो पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। मेरठ का ये दुर्दांत अपराधी इस वक्त उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन चुका है।
उस पर पांच लाख रुपए का इनाम घोषित है। बद्दो के पीछे पूरे यूपी की पुलिस लगी है। उसे अब तक एसटीएफ पकड़ नहीं पाई है। बदन सिंह बद्दो का कुछ अता-पता नहीं है।
बताया जाता है कि 5 साल पहले वो शातिर बदमाश मेरठ से फरार हो गया था और इस वक्त वो विदेश में पनाह लिए बैठा है। दरअसल पिछले साल 7 जून को लखनऊ कोर्ट में पेशी के दौरान संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या कर दी गई थी।
जीवा की हत्या के मामले में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी, जिसके मुताबिक जीवा की हत्या बदन सिंह बद्दो ने करवाई थी। पुलिस ने बद्दो को कोर्ट में शूटआउट का साजिशकर्ता बताया था।
वहीं अब इस मामले में लखनऊ की एक अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। बदन सिंह बद्दो अपने लाइफस्टाइल को लेकर भी काफी सुर्खियों में रहा।
बद्दो आंखों पर लाखों लाख का चश्मा, हाथ में महंगी महंगी घड़ी, करोड़ों की गाड़ियों का काफिला और विदेशी हथियारों से लैस बॉडीगार्ड रखता है।
सोशल मीडिया पर महंगे ब्रीड्स के कुत्तों के साथ उसकी कई तस्वीरें सामने आ चुकी हैं। वो हर वक्त अपने साथ बाउंसर लेकर चलता है। ऐसी लाइफ स्टाइल अक्सर फिल्मों में ही देखने को मिलती है।
उसने साल 1996 में एक वकील की हत्या को अंजाम दिया था। साल 2011 में उसने मेरठ जिला पंचायत के सदस्य संजय गुर्जर का मर्डर किया।
ये तो बस शुरुआत थी। इसके बाद साल 2012 में उसने एक केबल नेटवर्क के संचालक को मौत के घाट उतार दिया था। उसके खिलाफ यूपी के बाहर भी लूट और डकैती के मामले दर्ज होने लगे।
कहा जाता है कि वो नीदरलैंड में छिपकर बैठा है और वहीं से भारत के अलग अलग हिस्सों में विदेशी हथियारों का काला कारोबार ऑपरेट करता है।