Ganesh Chaturthi 2022: आज है गणेश चतुर्थी का पर्व, जाने महत्व और इतिहास…

आज पूरे देश में गणेश चतुर्थी का उत्सव पूरी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। यह पर्व 10 दिनों तक मनाया जाता है। अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान श्री गणेश का विसर्जन किया जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन भक्त पूरी श्रद्धा के साथ बप्पा को घर में लाकर 10 दिनों के लिए स्थापना करते हैं।

गणेश चतुर्थी का महत्व
हिंदू शास्त्र के अनुसार इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती के छोटे पुत्र भगवान श्री गणेश का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी का महोत्सव भारत में हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है, कि गणेश चतुर्थी की पूजा करने से जीवन की सभी विघ्न-बाधाएं खत्म हो जाती हैं।

गणेश चतुर्थी का इतिहास
गणेश चतुर्थी व्रत को लेकर कई सारी कहानियां प्रचलित है। एक कथा के अनुसार एक बार जब देवता घोर संकट में आ गए, तो वह भोलेनाथ से सहायता लेने के लिए उनके पास गए। उस वक्त भगवान श्री गणेश और कार्तिकेय दोनों ही अपने पिता के साथ वहां बैठे हुए थे।

देवताओं की पीड़ा को सुनकर भोलेनाथ ने अपने पुत्र कार्तिकेय और गणेश से पूछा कि तुम दोनों में से कौन देवताओं की समस्या को दूर कर सकता हैं। अपने पिता की बात सुनकर श्री गणेश और कार्तिकेय दोनों ही देवताओं की समस्या को हल करने के लिए सामने खड़े हो गए।

यह देखकर महादेव ने उनकी परीक्षा लेने की सूची और उन्हें सबसे पहले पृथ्वी का चक्कर लगाने को कहा। पिता की बात सुनकर भगवान कार्तिकेय अपने वाहन मोर पर सवार होकर पृथ्वी का चक्कर लगाने निकल पड़े। लेकिन भगवान श्री गणेश अपने वाहन मूषक के साथ कहीं नहीं गए।

उन्होंने अपने माता पिता के सात चक्कर लगाएं और वहां बैठ गए। यह देखकर महादेव जी ने उनसे पूछा कि वह पृथ्वी का चक्कर लगाने क्यों नहीं गए। तब उन्होंने कहा कि माता पिता के पैरों में समस्त संसार होता है। यह सुनकर भगवान शिव गणेश जी को देवताओं के साथ उनकी पीड़ा को दूर करने के लिए भेज दिए।