इस सप्ताह अपना 100वां टेस्ट खेलने जा रहे इंग्लैंड के विकेटकीपर बल्लेबाज जॉनी बेयरस्टो ने यह उपलब्धि कैंसर को मात देने वाली अपनी मां को समर्पित की।
जॉनी बेयरस्टो ने कहा कि उनकी मां कठिन समय में उनकी ताकत और परिवार को बांधने वाली शक्ति रही है।
धर्मशाला टेस्ट में भाग लेते ही 34 वर्ष के बेयरस्टो 100 टेस्ट खेलने वाले इंग्लैंड के 17वें क्रिकेटर बन जाएंगे।
उन्होंने कहा कि जब मैं खेलता हूं तो कई बार अपने पिता के बारे में सोचता हूं। लेकिन अब मां के बारे में ज्यादा सोचता हूं जिन्होंने इतना कुछ होने पर हम पर आंच नहीं आने दी। हमें एक परिवार के रूप में एकजुट रखा। वह मेरी ताकत रही है।
बेयरस्टो जब 8 साल के थे तब उनके पिता और इंग्लैंड के पूर्व विकेटकीपर डेविड ने आत्महत्या कर ली थी। उनकी मां जेनेट ने 2 बार स्तन कैंसर से जूझने के बावजूद परिवार को बिखरने नहीं दिया।
इस क्रिकेटर ने कहा कि मेरी मां साहस का पर्याय रही है। उन्होंने 3 नौकरियां की क्योंकि उस समय 10 वर्ष से कम उम्र के उनके 2 बच्चे थे।
जॉनी बेयरस्टो ने कहा कि वह मुझे लीड्स युनाइटेड से हेडिंग्ले ले गई। वह दो बार कैंसर का शिकार हुई । वह काफी मजबूत हैं और दो बार कैंसर को मात देना उनके साहस की गवाही देता है। ’
बेयरस्टो ने कहा कि वह अपने नायकों को देख देखकर बचपन से ही टेस्ट क्रिकेटर बनना चाहते थे।
उन्होंने कहा कि मैं वनडे क्रिकेट देखकर बड़ा नहीं हुआ। मैने टेस्ट क्रिकेट देखा है जो मेरे लिये सब कुछ था। मैने माइकल वॉन, मार्कस ट्रेसकोथिक और केविन पीटरसन को खेलते देखा।
मैं हेडिंग्ले में इंग्लैंड की टीम को इंडोर नेट अभ्यास करते देखता था और वोडाफोन ब्लू ट्रैकसूट मुझे बहुत लुभाते थे। मैं भी उस टीम का हिस्सा बनना चाहता था।
उन्होंने कहा कि यह जज्बाती हफ्ता रहने वाला है और मैं इसका पूरा मजा लूंगा।