Corona Discharge Policy: केंद्र ने डिस्चार्ज पॉलिसी में किया बदलाव, जानें अब अस्पताल में कब तक रहना होगा

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केंद्र ने कोरोना मरीजों के लिए डिस्चार्ज नीति में बदलाव किया है. नए दिशानिर्देशों के तहत, कोरोना के ‘हल्के’ और ‘मध्यम’ लक्षण वाले मरीजों को पॉजिटिव पाए जाने के कम से कम सात दिनों के बाद और लगातार तीन दिनों तक बुखार नहीं होने के बाद छुट्टी दे दी जाएगी. उन्हें छुट्टी से पहले किसी टेस्ट की जरूरत नहीं है. यह बदलाव पीएम नरेंद्र मोदी की कोरोना वायरस मामले को लेकर बुधवार को हुई समीक्षा बैठक के बाद किया गया है.

संयुक्त सचिव (स्वास्थ्य), लव अग्रवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, मध्यम श्रेणी के मरीजों, बिना ऑक्सीजन सपोर्ट के लगातार तीन दिनों तक 93 प्रतिशत से अधिक सैचुरेशन वाले मरीजों को बिना किसी जांच के और डॉक्टरों की सिफारिश के अनुसार छुट्टी दी जा सकती है. ऐसे मरीज जो लगातार ऑक्सीजन थेरेपी पर हैं, उन्हें लक्षणों का समाधान हो जाने के बाद, ऑक्सीजन सपोर्ट के बिना लगातार तीन दिनों तक निर्धारित ऑक्सीजन सैचुरेशन बनाए रखने की क्षमता को देखते हुए छुट्टी दी जा सकती है.

संयुक्त सचिव ने कहा कि इम्युनोकॉम्प्रोमाइज्ड सहित गंभीर मामलों के लिए डिस्चार्ज पॉलिसी क्लिनिकल रिकवरी पर निर्भर करेगी, जैसा कि रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है. स्वास्थ्य देखभाल सुविधा में या होम आइसोलेशन में भर्ती होने वाले हल्के मामलों वाले मरीजों की नियमित स्वास्थ्य निगरानी की जाएगी

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, केरल और गुजरात मामलों में वृद्धि के आधार पर चिंतित करने वाले राज्य हैं. अग्रवाल ने कहा, “WHO के अनुसार डेल्टा पर ओमिक्रोन का पर्याप्त विकास लाभ है. दक्षिण अफ्रीका, यूके, कनाडा, डेनमार्क के डेटा डेल्टा की तुलना में ओमिक्रोन के मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत कम पड़ती है.”