किरण चौधरी के पार्टी छोड़ने पर बिफरे कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता, बोले-किरण ने पीठ में छूरा घोंपा

किरण चौधरी के पार्टी छोड़ने पर बिफरे कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता, बोले-किरण ने पीठ में छूरा घोंपा

चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़ : विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस विधायक किरण चौधरी का अपनी बेटी श्रुति चौधरी के साथ बीजेपी में शामिल होने पर राजनीतिक बयानबाजी का सिलसिला लगातार जारी है। 18 जून की शाम को किरण चौधरी की ओर से अपना इस्तीफा सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के बाद से ही राजनीतिक बयानबाजी का सिलसिला शुरू हो गया था। इसे लेकर अब कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केवल ढींगरा ने किरण चौधरी के बीजेपी में जाने को एक शरारत करार देते हुए कांग्रेस की पीठ में छुर्रा घोपना बताया है। किरण और श्रुति चौधरी की ओर से कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने को लेकर हमने केवल ढींगरा से खास बातचीत की।

केवल ढींगरा ने बताया कि हरियाणा में राज्यसभा चुनाव के दौरान अजय माकन को कांग्रेस की टिकट मिलने के समय प्रदेश में कांग्रेस के 30 विधायक थे, लेकिन उन्हें केवल 29 विधायकों ने ही सही प्रकार से वोट डाले थे। उस समय जिसका एक वोट गलत पोल हुआ था, अब उसकी सच्चाई सबके सामने आ गई है। किरण चौधरी के तार उस समय से ही बीजेपी से जुड़े हुए थए। उनके एक गलत मतदान से पार्टी प्रत्याशी अजय माकन की हार हुई थी, नतीजा ये हुआ की कार्तिकेय शर्मा हरियाणा से राज्यसभा चुनाव जीत गए थे। ढींगरा ने कहा कि उसी समय से किरण का केवल शरीर कांग्रेस में था, जबकि मन बीजेपी से जुड़ चुका था।

किरण को पहले से थी जानकारी

ढींगरा ने खुलासा किया कि श्रुति चौधरी 2 बार लोकसभा का चुनाव हार चुकी थी। इसलिए पार्टी ने इस बार उनके स्थान पर रावदान सिंह को चुनावी मैदान में उतारा था। किरण चौधरी के इलाके तोशाम से राव दान सिंह को 8 हजार से भी ज्यादा वोट से हार मिली। प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने भी इसे लेकर चिट्ठी लिखी थी कि अगर कोई व्यक्ति अपने इलाके से पार्टी प्रत्याशी को जिता नहीं पाया तो विधायक की टिकट के लिए उसकी दावेदारी खत्म मानी जाएगी। उन्होंने खुलासा करते हुए बताया कि जिस मीटिंग में श्रुति चौधरी की टिकट कटने की बात हुई थी, किरण चौधरी भी उस मीटिंग में थी, लेकिन उस समय उन्होंने कांग्रेस नहीं छोड़ी। अब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शरारत करते हुए पार्टी से दगा करते हुए पीठ में छुर्रा घोपने का काम किया है।

तंवर ने भी ऐसा किया था

केवल ढींगरा ने कहा कि किरण चौधरी की तरह से ही अशोक तंवर ने भी ऐसे ही किया था। अब कई पार्टियों में रहने के बाद बीजेपी में जाकर चुनाव लड़ने पर जनता ने उन्हें उनकी असलियत दिखा दी। अब वह कहीं के नहीं रहे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में हर व्यक्ति को अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन वह पार्टी प्लेटफॉर्म पर होनी चाहिए ना की मीडिया में। बीजेपी की तरह कांग्रेस में किसी का गला नहीं घोंटा जाता।

पार्टी ने दिया था मान सम्मान

किरण चौधरी के दिल्ली से हरियाणा की राजनीति में आने को लेकर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केवल ढींगरा ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा उन्हें पूरा मान-सम्मान दिया। दिल्ली से हरियाणा आने पर सबसे पहले राज्यसभा का चुनाव लड़वाया। इसके बाद विधायक के चुनाव के लिए टिकट दी और मंत्री भी बनाया। श्रुति चौधरी को भी संसद के लिए टिकट दी। अब उन्होंने ही पार्टी उम्मीदवार राव दान सिंह को हरवाने का काम किया।

कांग्रेस नहीं बीजेपी में गुटबाजी

कांग्रेस की गुटबाजी को लेकर पूछे सवाल पर ढींगरा ने कहा कि कांग्रेस में हर किसी को अपनी बात कहने की आजादी है। इसे गुटबाजी कहा जा रहा है, जबकि असली गुटबाजी कांग्रेस में नहीं, बल्कि बीजेपी में है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के 6 बार के विधायक अनिल विज ने खुद कहा था कि उन्हें अपना आधार पता चल गया है। लोकसभा चुनाव में अशोक तंवर, मोहन बडौली और अरविंद शर्मा भीतरघात की बात कह चुके हैं।

पार्टी लेगी फैसला

कांग्रेस की ओर से हरियाणा सरकार के अल्पमत में होने के दावे का किरण चौधरी के जाने के बाद क्या असर होगा पर केवल ढींगरा ने कहा कि अब एक नंबर कम हो जाएगा। पहले विधान सभा में जहां 87 विधायक थे। अब वह 86 हो जाएगा। अब पार्टी के बड़े नेता आगे का फैसला लेंगे और उसी के आधार पर राज्यपाल के समक्ष अपनी बात रखेंगे।