सीएम मान ने डीसी के साथ की बैठक, पंजाब में की जन-समर्थक नीतियों के कार्यान्वयन की समीक्षा

सीएम मान ने डीसी के साथ की बैठक, पंजाब में की जन-समर्थक नीतियों के कार्यान्वयन की समीक्षा

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने राज्य में विभिन्न नागरिक केंद्रित योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए बुधवार को सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की।

पंजाब भवन में उपायुक्तों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि राज्य में घर-घर योजना को लागू करने में अधिकांश जिले अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इस महत्वाकांक्षी योजना का लक्ष्य लोगों को उनके दरवाजे पर 43 नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करना है।

भगवंत सिंह मान ने डिप्टी कमिश्नर को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए इस योजना को मिशनरी उत्साह के साथ लागू किया जाए।

एक अन्य एजेंडे पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 664 आम आदमी क्लीनिक कार्यरत हैं और अब तक लगभग 98 लाख मरीज इन क्लीनिकों से लाभ उठा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि मरीजों को 40.50 करोड़ रुपये की दवाएं मुफ्त प्रदान की गई हैं, साथ ही 5.77 करोड़ रुपये के लैब टेस्ट भी मुफ्त किए गए हैं।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि 150 नए क्लीनिक जल्द ही राज्य के लोगों को समर्पित किए जाएंगे, जिसके लिए सभी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। उन्होंने डिप्टी कमिश्नरों को राज्य भर के क्लीनिकों में नियमित जांच करने के लिए कहा।

इसी तरह, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि सरकारी अस्पतालों में निर्धारित सभी दवाएं मरीजों को उनके परिसर में ही उपलब्ध करायी जायेंगी।

उन्होंने कहा कि 276 दवाओं को पहले ही जिला अस्पतालों और उपमंडल अस्पतालों में राज्य आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल किया जा चुका है।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि आवश्यक दवा सूची (ईडीएल) के अलावा अन्य दवाओं की खरीद के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी की गई है और उपायुक्तों को यह सुनिश्चित करना होगा कि दवाएं मरीजों को उपलब्ध हों।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने सड़क किनारे आघात पीड़ितों के लिए फरिश्ते योजना भी शुरू की है, जिसके अनुसार निकटतम सूचीबद्ध अस्पताल में इलाज मुफ्त प्रदान किया जाएगा।

उन्होंने उपायुक्तों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि जहां भी व्यय निर्धारित सीमा/दिनों से अधिक हो, जिला स्तरीय समितियां बिना किसी अत्यधिक देरी के व्यय की जांच करें।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य भर में इस योजना के तहत 52 पैकेजों की पहचान की गई है और 495 अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं कि हर गांव में नहर का पानी अंतिम छोर तक पहुंचे।

उन्होंने उपायुक्तों से चल रही प्रक्रिया को पूरा करने को कहा ताकि किसानों को इससे अत्यधिक लाभ हो। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए नहरी पानी का अधिकतम उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार अमृतसर, बठिंडा, फाजिल्का, फतेहगढ़ साहिब, जालंधर, कपूरथला, लुधियाना, एसएएस नगर और तरनतारन जिलों में 13 नए स्कूल ऑफ एमिनेंस खोलेगी।

उन्होंने संबंधित जिलों के उपायुक्तों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि ये 13 नए स्कूल ऑफ एमिनेंस स्कूल छात्रों को लाभ पहुंचाने के लिए समय पर चालू हों।

भगवंत सिंह मान ने डिप्टी कमिश्नरों को 31 मार्च तक सभी स्कूलों में चारदीवारी, शौचालय, फर्नीचर, पीने के पानी की सुविधा, कैंपस प्रबंधकों के साथ-साथ इंटरनेट/वाई-फाई सुविधा सुनिश्चित करने के लिए भी कहा।

मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को स्कूल में औचक निरीक्षण करने के अलावा जिला शिक्षा विकास समिति की नियमित बैठक करने को भी कहा।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि दिल्ली-अमृतसर-कटरा राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कार्य फास्ट-ट्रैक मोड पर शुरू किया जाए।

उन्होंने कहा कि यह एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसके पूरा होने पर दिल्ली से पंजाब और जम्मू-कश्मीर जाने वाले यात्रियों, खासकर माता वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन करने के इच्छुक यात्रियों का समय, पैसा और ऊर्जा बचेगी।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि 254 किलोमीटर लंबा राजमार्ग 11,510 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा और राज्य के नौ जिलों-जालंधर, संगरूर, मलेरकोटला, पटियाला, कपूरथला, लुधियाना, अमृतसर, तरनतारन और गुरदासपुर से होकर गुजरेगा।

मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों से अपने अधिकार क्षेत्र में सड़कों का उचित रखरखाव सुनिश्चित करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि सड़कों के उचित रख-रखाव के लिए लोक निर्माण विभाग को पहले ही धनराशि आवंटित की जा चुकी है।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है कि यात्रियों को सड़कों पर किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।