बिहार की राजनीतिक हवा बदली, 2 सीटों से कांग्रेस को धोना पड़ा हाथ

बिहार की राजनीतिक हवा बदली, 2 सीटों से कांग्रेस को धोना पड़ा हाथ

बिहार की राजनीतिक हवा बदली सी नजर आ रही है। एक वक़्त पर जिस महागठबंधन की मजबूती को लेकर कसीदे पढ़े जाते थे, उसी के अंदरखाने लोकसभा चुनाव से पहले हलचल काफी बढ़ गई है।

दरअसल, आरजेडी ने अपने उम्मीदवारों को आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सिंबल बांटना शुरू कर दिया है। हालांकि, यहां एक बात गौर करने वाली है कि अभी तक महागठंधन के नेताओं ने सीट शेयरिंग की औचारिक घोषणा नहीं की है।

राजद के द्वारा जिन सीटों पर उम्मीदवार उतारे गए हैं, उससे कांग्रेस और लेफ्ट दोनों सन्न दिखाई दे रही है। गौरतलब है कि, औरंगाबाद और बेगूसराय लोकसभा सीट पर कांग्रेस शुरू से ही दावा ठोक रही थी।

जानकारी के अनुसार, कांग्रेस औरंगाबाद से पूर्व सांसद निखिल कुमार को उम्मीदवार बनाना चाहती थी तो वहीं बेगूसराय से 2019 लोकसभा चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे तत्कालीन सीपीआई नेता कन्हैया कुमार को चुनावी मैदान में उतारना चाहती थी।

कन्हैया कुमार ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी थी। लेकिन राजद ने औरंगाबाद से अभय कुशवाहा को तो वहीं बेगूसराय से लेफ्ट ने कॉमरेड अवधेश कुमार राय को उम्मीदवार घोषित करके कांग्रेस पार्टी को स्तब्ध कर दिया है।

हालांकि, वर्तमान परिस्थिति को देख कर यही लग रहा है कि जो कांग्रेस बिहार में 12 से 14 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थी, अब उनके हाथ 8 या 9 सीटें ही लग पाएगी।

हालांकि, सीटों को लेकर सिर्फ कांग्रेस में टेंशन नहीं है, बल्कि लेफ्ट भी कई सीटों पर दावा ठोक रही है। जिसमें सीवान, आरा, कटिहार और मधुबनी लोकसभा सीट शामिल है।

लेकिन जानकारी के अनुसार, सिर्फ बेगूसराय, आरा और नालंदा पर ही बात बन पाई है। वहीं, दूसरी ओर बिहार एनडीए के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है और माना जा रहा है कि अगले 1-2 दिनों में उम्मीदवारों की घोषणा भी हो जाएगी।

अब जब लोकसभा चुनाव शुरू होने में मात्र गिनती के दिन बचे हैं, इस परिस्थिति में महागठबंधन के अंदरखाने चल रही बवाल का एनडीए भरपूर फायदा उठाने की कोशिश करेगी।