राम मंदिर के बाद अब काशी की बारी, सर्वे में मिले चौंकाने वाले सबूत

राम मंदिर के बाद अब काशी की बारी, सर्वे में मिले चौंकाने वाले सबूत

अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर की चर्चा अभी थमी भी नहीं है कि अब चर्चा का केंद्र महादेव की नगरी काशी बन गई है। दरअसल, काशी में स्थित विवादित ज्ञानवापी मस्जिद के एएसआई सर्वे को सार्वजनिक कर दिया गया है।

इस मामले में वकील विष्णु शंकर जैन ने प्रेस कांफ्रेस करके सर्वे की जानकारी दी। इस सर्वे रिपोर्ट के आने के बाद कई अहम खुलासे हुए हैं। जैसे की एएसआई ने अपने सर्वे में माना है कि वर्तमान में जो ढांचा मैजूद है, वो भव्य हिंदू मंदिर को तोड़ कर बनाया गया है।

इसके अलावा एएसआई के मुताबिक वर्तमान में जो ढांचा है उसकी पश्चिमी दीवार पहले के बड़े हिंदू मंदिर का हिस्सा है और पिलर के नक्काशियों को मिटाने की कोशिश की गई है।

सर्वे में पाया गया कि मंदिर में पहले एक बड़ा केंद्रीय कक्ष था और उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम में भी कम से कम एक कक्ष था। इनमें से तीन कक्षों उत्तर, दक्षिण और पश्चिम के अवशेष अभी भी मौजूद हैं।

लेकिन पूर्व में स्थित कक्ष के अवशेषों का पता नहीं लगाया जा सका है। वह विशेष क्षेत्र पत्थर के फर्श वाले एक मंच के नीचे ढका हुआ है। जो मंदिर का केंद्रीय कक्ष था वह अब मस्जिद का केंद्रीय कक्ष है।

सजाए गए मेहराबों के निचले सिरों पर उकेरी गई जानवरों की आकृतियों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था और गुंबद के अंदरूनी हिस्से को ज्यामितीय डिजाइनों से सजाया गया था।

इसके अलावा एएसआई ने अपने रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया है कि यहां स्थित खंभों को मोडिफाई किया गया है जो मूल रूप से हिंदू मंदिर का हिस्सा थे।

उनके पुन: उपयोग के लिए उन पर उकेरी गई आकृतियों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया और उनकी जगह फूलों के डिज़ाइन लगा दिए गए। इतना ही नहीं तहखानें में टूटी हुई मूर्तियों के अवशेष भी मिले हैं।

एएसआई ने अपने सर्वे में यह पाया कि कला और वास्तुकला के आधार पर, पूर्व-मौजूदा ढांचे को एक हिंदू मंदिर के रूप में पहचाना जा सकता है।

ऐसा प्रतीत होता है कि मस्जिद का निर्माण औरंगजेब के शासनकाल के 20वें वर्ष में किया गया था और पहले से मौजूद मंदिर 17वीं शताब्दी में औरंगजेब के शासनकाल के दौरान नष्ट कर दिया गया प्रतीत होता है।

पहले से मौजूद मंदिर के एक हिस्से को फिर से बनाया गया था और मस्जिद में पुन: उपयोग किया गया। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद हिंदु पक्ष के वकीलों में हर्ष का माहौल है। वहीं, अब सबकी नजर अगली सुनवाई पर टिकी हुई है।