हर साल हिंदू धर्म में अहोई अष्टमी का त्योहार बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है. इस दिन मां अपने बच्चों की लंबी आयु के लिए व्रत रखती है. और रात के समय तारों को जल देकर अपना व्रत खोलती है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार अहोई अष्टमी कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है.
इस दिन माताएं देवी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष अनुष्ठान, उपवास और प्रार्थना करती हैं. आज हम इस लेख में बताएंगे कि इस साल कार्तिक माह के अहोई अष्टमी व्रत की तिथि, मुहूर्त और महत्व क्या है.
5 नवबंर को मनाया जाएगा त्योहार
इस साल अहोई अष्टमी का त्योहार 5 नवबंर को यानी रविवार के दिन मनाया जाएगा. अष्टमी तिथि 5 नवंबर के दिन दोपहर 1 बजे से लेकर 6 नवबंर दोपहर 3 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. वहीं, अहोई अष्टमी पूजा का मुहुर्त 5 नवंबर को शाम 5:42 बजे से लेकर 7 बजे तक रहेगा.
अहोई अष्टमी त्योहार का महत्व
इस दिन माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस अहोई की पूजा करने से बच्चों के जीवन पर अच्छा प्रभाव पड़ता हैं. अहोई अष्टमी को ऊर्जा प्ररिवर्तन का प्रतिक भी माना जाता है. इस दिन दीवार पर अहोई माता का चित्र बनाकर पूरे रीति रिवाज से उनकी पूजा की जाती है.