Actor जूनियर महमूद का 68 वर्ष की उम्र में निधन, पेट के कैंसर से थे पीड़ित

हिंदी फिल्म ‘कारवां’, ‘हाथी मेरे साथी’ और ‘मेरा नाम जोकर’ जैसी फिल्मों में अपनी अदाकारी की छाप छोड़ने वाले अभिनेता जूनियर महमूद का कैंसर के कारण शुक्रवार को 68 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।

जूनियर महमूद के छोटे बेटे हसनैन सैय्यद ने बताया कि, ‘‘मेरे पिता पेट के कैंसर से जूझ रहे थे। उनकी हालत पिछले 17 दिन से गंभीर बनी हुई थी। उनका एक महीने में 35 से 40 किलोग्राम वजन कम हो गया था।’’

जूनियर महमूद का असली नाम नईम सैय्यद था। उन्होंने एक बाल कलाकार के रूप में ‘मोहब्बत जिंदगी है’ (1966) और ‘नौनिहाल’ (1967) से फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। दिवंगत हास्य कलाकार महमूद ने 1968 में रिलीज हुई फिल्म ‘सुहाग रात’ में उनके साथ काम किया था और इसी दौरान उन्होंने सैय्यद को जूनियर महमूद नाम दिया था।

अभिनेता के निकट मित्र सलाम काजी ने बताया कि जूनियर महमूद के पेट में दर्द था और एक स्थानीय चिकित्सक उनका उपचार कर रहे थे। जब उनका वजन कम होने लगा तो उनके परिवार ने उन्हें टाटा मेमोरियल अस्पताल ले जाने का फैसला किया।

काजी ने कहा, ‘‘उन्होंने उनकी जांच की और वहां चिकित्सकों ने बताया कि उनके फेफड़े और यकृत में कैंसर है और उनके पेट में एक ट्यूमर है। उन्हें पीलिया भी था।’’

जूनियर महमूद ने अभिनेताओं जितेंद्र और सचिन पिलगांवकर ने मिलने की इच्छा व्यक्त की थी, जिसके बाद दोनों ने मंगलवार को उनके आवास पर उनसे मुलाकात की थी।

जितेंद्र ने ‘सुहाग रात’ और ‘कारवां’ सहित कई फिल्मों में जूनियर महमूद के साथ काम किया था।

महमूद ने सात भाषाओं में 260 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने ‘ब्रह्मचारी’, ‘कटी पतंग’, ‘हरे रामा हरे कृष्णा’, ‘गीत गाता चल’, ‘ईमानदार’, ‘बाप नंबरी बेटा दस नंबरी’, ‘आज का अर्जुन’, ‘गुरुदेव’, ‘छोटे सरकार’ और ‘जुदाई’ जैसी कई अन्य लोकप्रिय फिल्मों में काम किया।

अभिनेता ने ‘प्यार का दर्द है मीठा मीठा प्यारा प्यारा’ और ‘एक रिश्ता साझेदारी का’ जैसे टीवी कार्यक्रमों में भी अभिनय किया था।

काजी ने कहा कि अभिनेता का अंतिम संस्कार सांताक्रूज कब्रिस्तान में किया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें उसी कब्रिस्तान में दफन किया जाएगा जहां उनकी मां को दफनाया गया था। दिलीप कुमार साहब और मोहम्मद रफी जैसी अन्य प्रसिद्ध हस्तियों को भी वहीं दफनाया गया है।’’