चंडीगढ़ मेयर चुनाव में वोटों से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए आप और कांग्रेस ने किया अदालत का रुख

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में वोटों से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए आप और कांग्रेस ने किया अदालत का रुख

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भाजपा के मनोज कुमार सोनकर विजयी हुए और उन्होंने आप-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप सिंह को हराया।

बेईमानी के आरोप तब सामने आए जब AAP नेता और राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने भाजपा पर गैरकानूनी रणनीति अपनाने का आरोप लगाया और देश के लिए उनके इरादों पर सवाल उठाया।

एक वायरल वीडियो ने विवाद को और हवा दे दी, जिसमें एक अधिकारी कथित तौर पर मतपत्रों पर अनुचित तरीके से निशान लगाता दिख रहा है।

मेयर चुनाव नतीजों को लेकर चल रहे विवाद के बीच आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।

याचिका में तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए चंडीगढ़ में हाल ही में हुए मेयर चुनावों की अखंडता पर चिंताओं को उजागर किया गया है।

विपक्षी दलों का लक्ष्य कथित अनियमितताओं और बेईमानी को अदालत के ध्यान में लाना है, जिससे चुनावी प्रक्रिया की गहन जांच का आग्रह किया जा सके।

याचिका कल संभावित विचार के लिए निर्धारित है। यह कदम पीठासीन अधिकारी द्वारा आठ वोटों को अवैध घोषित करने के बाद उठाया गया है, जिससे भाजपा उम्मीदवार मनोज सोनकर की जीत हुई।

आप और कांग्रेस ने पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह पर मतपत्रों में हेरफेर करने का आरोप लगाया है, जिससे तत्काल विरोध शुरू हो गया है।

मेयर चुनाव नतीजों को लेकर चल रहे विवाद के बीच आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस ने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।

याचिका में तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए चंडीगढ़ में हाल ही में हुए मेयर चुनावों की अखंडता पर चिंताओं को उजागर किया गया है।

चंडीगढ़ नगर निगम (एमसी) के असेंबली हॉल में नाटकीय घटनाक्रम में मंगलवार को मेयर चुनाव में अप्रत्याशित मोड़ आ गया, जब पीठासीन अधिकारी ने कांग्रेस और आप पार्षदों के 8 वोटों को अवैध घोषित कर दिया।

इस फैसले से अंततः भाजपा प्रत्याशी मनोज सोनकर की जीत हुई। मनोज सोनकर ने कुल 16 वोट हासिल किए और AAP के कुलदीप कुमार को पीछे छोड़ दिया, जिन्हें 12 वोट मिले।

इन परिणामों की घोषणा के बाद आप और कांग्रेस पार्षदों ने तत्काल विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिन्होंने भाजपा के खिलाफ बेईमानी के गंभीर आरोप लगाए।

आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस, जो कि I.N.D.I.A ब्लॉक का हिस्सा हैं, द्वारा पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह पर आरोप लगाए गए।

उन्होंने फुटेज का हवाला देते हुए दावा किया कि मसीह ने गिनती प्रक्रिया के दौरान मतपत्रों में हेरफेर किया, जिसमें कथित तौर पर उसे कुछ मतपत्रों पर निशान लगाते हुए दिखाया गया है।

इससे चुनाव प्रक्रिया की समग्र अखंडता के बारे में चिंताएँ बढ़ गईं। अमान्य वोट विभिन्न मुद्दों के कारण हो सकते हैं, जिसमें मतपत्र पर पहचान चिह्न शामिल हैं जो मतपत्र की गोपनीयता से समझौता कर सकते हैं और मतदाताओं की पहचान उजागर कर सकते हैं।

राघव चड्ढा ने अनिल मसीह के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने पर जोर देते हुए उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की।

चड्ढा ने इस घटना को न केवल असंवैधानिक और अवैध बल्कि देशद्रोह का कृत्य बताते हुए चंडीगढ़ में मेयर चुनाव को देशद्रोह करार दिया।