आप और कांग्रेस नेताओं ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव को स्थगित करने के अलोकतांत्रिक प्रयासों के लिए की बीजेपी की आलोचना

आप और कांग्रेस नेताओं ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव को स्थगित करने के अलोकतांत्रिक प्रयासों के लिए की बीजेपी की आलोचना

आम आदमी पार्टी (आप) और चंडीगढ़ के कांग्रेस नेताओं ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव को स्थगित करने के अलोकतांत्रिक प्रयासों के लिए भारतीय जनता पार्टी की आलोचना की और कहा कि भाजपा की हार निश्चित है इसीलिए वे सच्चाई का सामना करने के लिए तैयार नहीं हैं।

शुक्रवार को दोनों पार्टियों के नेताओं की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आप चंडीगढ़ प्रभारी डॉ. सनी अहलूवालिया ने कहा कि बीजेपी चंडीगढ़ में लोकतंत्र की हत्या कर रही है।

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके साथ हरमोहिंदर सिंह लकी (कांग्रेस अध्यक्ष), गुरबक्स रावत (कांग्रेस एमसी) और दमनप्रीत सिंह बादल (आप एमसी) भी शामिल हुए।

मीडिया को संबोधित करते हुए डॉ अहलूवालिया ने कहा कि निगम उपायुक्त द्वारा 18 जनवरी को चुनाव निर्धारित किया गया था, लेकिन जब हमारे पार्षद भवन पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि कोई चुनाव नहीं हो रहा है।

ऐसा सिर्फ इसलिए हुआ क्योंकि भारतीय जनता पार्टी जानती थी कि अब जब आप और कांग्रेस मिलकर ये चुनाव लड़ रही है तो भाजपा मेयर चुनाव नहीं जीत सकतीं। इसलिए उन्होंने चुनाव को स्थगित करने के लिए अनैतिक और अलोकतांत्रिक चालें चली।

अलहुवालिया ने कहा कि 10 जनवरी को चुनाव की घोषणा की गई थी, 13 तारीख तक आप, बीजेपी और कांग्रेस के सभी उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल कर दिए थे, फिर हमने (आप और कांग्रेस नेताओं) एक बैठक की और इस चुनाव को एक साथ लड़ने का फैसला किया।

15 जनवरी को हमने कांग्रेस के मेयर उम्मीदवार और आप के सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर उम्मीदवारों का नामांकन वापस लेने का फैसला किया।

हम सचिव के कार्यालय पहुंचे जो अपने कार्यालय में मौजूद नहीं थे। उन्होंने हमसे कहा कि हम नामांकन वापसी अनुरोध उनके स्टाफ के पास छोड़ दें। हमें इसके लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा।

15 तारीख की रात को सूचना मिली कि सोढ़ी (पीठासीन अधिकारी) को उनके स्वास्थ्य कारणों से स्थानांतरित कर दिया गया है। एक अन्य अधिकारी को तैनात किया गया था लेकिन उस अधिकारी ने चुनाव के लिए पास के लिए हमारे कॉल पर कभी ध्यान नहीं दिया।

आप और कांग्रेस को एक साथ देखकर बीजेपी इतनी डर गई कि 18 तारीख को जो रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त किया गया था वह भी बीमार पड़ गए और उन्होंने चुनाव स्थगित कर दिया।

डॉ. अहलूवालिया ने कहा कि अगर कोई चुनाव सिर्फ इसलिए टाल दिया जाता है कि बीजेपी चुनाव हार रही है और अधिकारी बीमार पड़ रहे हैं तो यह लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है।

मीडिया को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता एचएस लक्की ने कहा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भाजपा काला इतिहास लिख रही है।

उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी किसी पार्टी को इतनी हद तक जाते नहीं देखा कि बंदी प्रत्यक्षीकरण का मामला सिर्फ इसलिए उठाया गया क्योंकि वे अब मेयर बनाने की स्थिति में नहीं हैं।

वे जिस तरह की रणनीति अपना रहे हैं, जैसे अधिकारियों की बीमारी से लेकर काउंसलर को हटाना, जहां हमें बार-बार हाई कोर्ट जाना पड़ता है, वह इस बात का सबूत है कि बीजेपी बहुत डरी हुई है।

उन्होंने कहा कि 18 जनवरी चंडीगढ़ नगर निगम के इतिहास का सबसे काला दिन है। अब भी अगर भाजपा नेताओं में थोड़ी शर्म बची है तो वे निष्पक्ष चुनाव कराकर नया मेयर चुनवा देंगे। लोकतंत्र में जहां सरकार जरूरी है, वहीं लोकतंत्र में अच्छा विपक्ष भी जरूरी है।

आप नेता विपक्ष दमनप्रीत सिंह ने कहा कि बीजेपी आप और इंडिया गठबंधन से डर गई है इसलिए वे चंडीगढ़ मेयर चुनाव से भाग रही है।

कल 18 तारीख को जब हमारे पार्षद चुनाव के लिए एकत्र हुए तो उन्हें बाहर बंद कर दिया गया। मैंने पहले कभी लोकतंत्र की इस तरह हत्या होते नहीं देखी।

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और चंडीगढ़ प्रशासन, जो मिलकर इस चुनाव में हमें रोकने की कोशिश कर रहे हैं, कभी सफल नहीं होंगे।