हिंदी में एक कहावत है- “जैसी करनी वैसी भरनी” और ये कहावत वर्तमान में पाकिस्तान में पनाह लिए आतंकियों पर सटीक बैठ रही है। कभी आतंकियों के लिए सबसे सुरक्षित पनाहगाह माना जाने वाला पाकिस्तान अब उन्हीं आतंकियों की लाश गिनने में लगा है।
पिछले कुछ महीनों में लगभग 20 आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया गया है। हालांकि, ये कौन कर रहा है, इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं मिल पाया है।
इस बीच बीते दिनों पाकिस्तान से एक और भारत विरोधी आतंकी के मौत की खबर सामने आई। 2 अज्ञात लोगों ने लश्कर के आतंकी और भारत के दुश्मनों की सूची में शामिल सरफराज तांबा को गोलियों से भून दिया।
ये सरफराज तांबा वही है, जिसने 11 साल पहले ISI के इशारे पर पाकिस्तान के जेल में बंद भारतीय नागरिक सरबजीत को पॉलीथिन से गला घोंटकर और पिट पिट कर मौत के घाट उतार दिया था।
उसे इस काम के बाद इनाम भी दिया गया था। साथ ही सरफराज लंबे समय तक आतंकी हाफ़िज़ सईद का भी करीबी रहा।
इस घटना को सामने से देखने वाला सरफराज तांबा के भाई जुनैद सरफराज ने पुलिस को बताया कि घटना के समय मैं अपने बड़े भाई अमीर सरफराज तांबा के साथ रविवार को अपने लाहौर के सनंत नगर वाले घर पर था।
जुनैद सरफराज ने बताया कि मैं ग्राउंड फ्लोर पर था, जबकि बड़े भाई ऊपरी हिस्से में थे। अचानक दोपहर 12.40 बजे घर का मेन गेट खुला। 2 अज्ञात मोटरसाइकिल सवार आए।
एक ने हेलमेट पहना हुआ था और दूसरे ने चेहरे पर मास्क लगा रखा था। घर में घुसते ही दोनों ऊपरी हिस्से की तरफ भागे। हालांकि, सरफराज के मौत पर सरबजीत की बेटी का भी बयान सामने आया है।
सरबजीत की बेटी स्वप्नदीप कौर ने पाकिस्तान पर आरोप लगाते हुए कहा कि पाक ने मेरे पिता सरबजीत की हत्या के सबूत मिटाने के लिए हत्यारे का मर्डर करा दिया।
हालांकि, पाकिस्तान में हो रहे अतांकियो के हत्याओं में कौन शामिल है, इसका पता नहीं चल पाया है। हां, ये जरूर है कि पाकिस्तान ने भारत पर टारगेट किलिंग का आरोप लगाया है।
वहीं, पिछले हफ्ते अंग्रेज़ी अखबार गार्डियन ने भी एक रिपोर्ट छापी थी। जिसमें दावा किया गया था कि पाकिस्तान में आतंकियों की हत्या के पीछे भारत का हाथ है।
बता दें, गार्जियन ने जो रिपोर्ट की है, उसमें बताया है कि पाकिस्तान में 20 कुख्यात लोगों की हत्या की गयी है। वे कहीं न कहीं भारत के हिटलिस्ट में थे और वे आतंकी संगठनों से जुड़े हुए थे और उनकी अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी है।
इसके पीछे वे भारत की सुरक्षा एजेंसियों का हाथ होना बताते हैं। हालांकि, भारत ने इन तमाम दावों को सिरे से खारिज कर दिया था।
लेकिन ये सवाल जरूर उठता है कि आखिर वो अज्ञात हमलावर है कौन? जो भारत के दुश्मनों को मौत की नींद सुला रहा है।