भारतीय क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड को राजकोट टेस्ट में 434 रनों से हरा कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। भारत की यह रनों के लिहाज से सबसे बड़ी टेस्ट जीत है। वहीं, इंग्लैंड की दूसरी सबसे बड़ी हार थी। राजकोट टेस्ट में इंग्लैंड की बैजबॉल रणनीति पूरी तरह से फेल रही। वैसे इंग्लैंड की हार में तीन अहम कारण रहे।
फैल रहे बल्लेबाज
पहला कारण इंग्लैंड की खराब बल्लेबाजी थी। इंग्लैंड की पहली पारी को देखें तो बेन डकेट ने 153 रन की पारी खेली। ओली पोप पहले टेस्ट मैच के बाद से फ्लॉप चल रहे हैं। कप्तान स्टोक्स ने पहली पारी में 41 रन का योगदान दिया था। वहीं, पहली पारी में पांच बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा तक नहीं पार सके थे। दूसरी पारी की बात करें तो इंग्लैंड के बल्लेबाज तू चल मैं आया की तर्ज पर बल्लेबाजी करते हुए दिखाई दिए। टॉप ऑर्डर के चार बल्लेबाज दहाई अंक तक नहीं पहुंच सके। टॉप ऑर्डर के पांच बल्लेबाज मिलकर 29 रन ही बना सके थे। दूसरी पारी में कोई इंग्लिश बल्लेबाज 40 का स्कोर तक नहीं कर सका। मार्क वुड ने सर्वाधिक 33 रन बनाए।
गैंदबाजी रहा कमजोर पक्ष
इंग्लैंड के हारने की दूसरी वजह खराब गेंदबाजी बनी। भारत की अपेक्षा इंग्लैंड के स्पिनर्स अपना प्रभाव नहीं छोड़ सके। पहले टेस्ट मैच की एक पारी में सात विकेट लेने वाले टॉम हार्टली को विकेट जैसे मिल ही नहीं रही है। तीसरे टेस्ट मैच में रेहान अहमद, जो रूट और टॉम हार्टली ने मिलकर सिर्फ चार विकेट निकाले थे। दूसरी पारी में रेहान और अहमद को एक-एक विकेट मिले। कमजोर गेंदबाजी का भारतीय बल्लेबाजों ने जमकर फायदा उठाया और खूब रन बटोरे। खासकर यशस्वी जायसवाल ने इंग्लिश गेंदबाजी की खूब पिटाई की।
बैजबॉल की रणनीति हुई फैल
इंग्लैंड के कप्तान की बैजबॉल की रणनीति राजकोट में पूरी तरह से फेल नजर आई। इंग्लैंड की पहली पारी जहां 319 रन बनाकर ऑल आउट हो गई तो वहीं, आक्रामक खेलने की वजह से दूसरी पारी महज 122 रन पर सिमट गई। इंग्लैंड के कप्तान फील्ड और ऑफ द फील्ड किस रणनीति के तहत काम करना चाहते थे यह कभी स्पष्ट ही नहीं हो पाया।