हरियाणा सरकार ने यह भी घोषणा कि है किसान 20 मई के बाद धान की सीधी बिजाई कर सकते है। वहीं, पारंपरिक धान की रोपाई 15 जून के बाद शुरू होगी। आंकड़ों के अनुसार, राज्य में धान की खेती का कुल क्षेत्रफल लगभग 13 लाख हेक्टेयर है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, धान की सीधी बिजाई में पारंपरिक बुआई की अपेक्षा पानी की खपत कम होती है।
कम पानी वाले क्षेत्रों में भी धान की सीधी बिजाई बतौर विकल्प हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि धान की पारंपरिक रोपाई की तुलना में सीधी बिजाई में लगभग 25-30 प्रतिशत पानी और श्रम की बचत होती है। साथ ही डीएसआर और पारंपरिक तकनीक से धान की पैदावार लगभग समान होती है।