हरियाणा में बिजली दरों और खाद के दामों में हुई वृद्धि पर कुमारी सैलजा का बयान, कही ये बात

kumari selja

हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि लगातार बढ़ रही महंगाई पर लगाम लगाने की बजाए भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने बिजली की दरों में बढ़ोतरी की है। इस वृद्धि को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए।

इसके साथ ही कुमारी सैलजा ने खाद के दामों में हुई बढ़ोतरी का मुद्दा उठाते हुए खाद के दामों में हुई वृद्धि भी वापस लेने की मांग की है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता का विश्वास खो चुका भाजपा-जजपा गठबंधन पिछले कुछ समय से लगातार जन विरोधी फैसले लेने पर उतारू है। कभी नौकरियों में खिलाड़ियों का कोटा खत्म करने की घोषणा करते हैं तो कभी गरीब परिवारों के बच्चों को बेहतर शिक्षा से वंचित रखने के लिए हरियाणा एजुकेशन रूल 134ए को खत्म किया जाता है। अब बिजली दरों में बढ़ाेतरी कर प्रदेश के हर व्यक्ति पर भार डाल दिया है।

हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कहने को सिर्फ एक स्लैब में बिजली की दरें बढ़ाई गई हैं। लेकिन, इसका असर प्रदेश के अधिकतर परिवारों पर पड़ रहा है। प्रदेश की सरकार द्वारा लिए गए फैसले में 100 से ज्यादा और अधिकतम 150 यूनिट की खपत करने वालों को 25 पैसे प्रति यूनिट ज्यादा देने होंगे। सरकार एक ही झटके में एक साल में 360 करोड़ रुपये से अधिक बटोरने का मंसूबा पाले हुए है। एक तरफ बिजली के कट बढ़ रहे हैं और दूसरी और दामों में बढ़ोतरी कर लोगों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया जा रहा है।

सैलजा ने कहा कि खाद के दामों में भी भारी बढ़ोतरी हुई है। इफको ने डीएपी खाद को 1,200 रुपये प्रति बोरी से बढ़ाकर 1,350 रुपये प्रति बोरी कर दिया है। यह 𝟏𝟐.𝟓 प्रतिशत की वृद्धि है। एनपीके उर्वरक की किस्म एक और दो की कीमत भी बढ़ा दी गई है। इसकी कीमत में भी 𝟐𝟎 रूपये प्रति बोरी की बढ़ोतरी की गई है। वहीं एक और किस्म एनपीकेएस की कीमतों में भी वृद्धि की गई है। इसकी कीमत 𝟖.𝟓 प्रतिशत बढ़ाई गई है। इसका दाम 1290 से बढ़ाकर 1400 रूपये प्रति बोरी कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। अन्य चीजों के दाम भी बहुत ही तेजी से बढ़ रहे हैं। किसानों की फसल की लागत भी नहीं निकल पा रही है। ऐसी कमरतोड़ महंगाई के समय में किसानों के लिए खाद के दामों में यह वृद्धि असहनीय है।

वहीं, हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि प्रदेश सरकार तुरंत प्रभाव से बिजली दरों में बढ़ोतरी के अपने आदेश को वापस ले। इसके साथ ही खाद के दामों में हुई बढ़ोतरी भी वापस ली जाए।