हंगामों के नाम रहा शीतकालीन सत्र, तय समय से एक दिन पहले ही राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

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राज्यसभा की कार्यवाही को निर्धारित समय से एक दिन पहले अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। बुधवार को कार्यवाही शुरू होने के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

सत्र की शुरूआत में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अयोध्या में भूमि घोटाले का मुद्दा उठाने की कोशिश की लेकिन सभापति ने अनुमति नहीं दी। सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि सदन ठीक से नहीं चल सकी और सभी को सहयोग करना चाहिए और फिर सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया।

शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष और सरकार के बीच 12 सांसदों के निलंबन को लेकर आमना-सामना हो गया था, जिसे सुलझाया नहीं जा सका और मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस के एक अन्य सांसद डेरेक ओ ब्रायन को निलंबित कर दिया गया।

विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार सदन में विधेयकों को आगे बढ़ाना चाहती है, इसलिए उसने सांसदों को निलंबित कर दिया। बता दें कि शीतकालीन सत्र 23 दिसंबर तक निर्धारित था लेकिन इस पूरे सत्र में एक भी दिन सुचारू तरीके से कामकाज नहीं हो सका।

विपक्ष के 12 सदस्यों को निलम्बित किए जाने का विपक्ष विरोध करता रहा। इस दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को मंत्रिमंडल से हटाए जाने की मांग को लेकर भी विपक्ष हंगामा करता रहा जिसके कारण पूरा सत्र बाधित रहा।

तृणमूल कांग्रेस के सदन में नेता डेरेक ओ ब्रायन को कल सभापति के आसान की ओर रूल बुक फेकने पर सत्र की शेष अवधि के लिए निलम्बित कर दिया गया था। दरअसल, मंगलवार को सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि डेरेक ओ ब्रायन ने नियम पुस्तिका फेंक दी और कहा कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था।

पीयूष गोयल ने 12 निलंबित सांसदों से माफी भी मांगी और बाद में डेरेक को निलंबित कर दिया गया। यह घटना चुनाव सुधार पर विधेयक पारित करने के दौरान हुई।

सरकार को मंगलवार को राज्यसभा में विपक्षी दलों के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा और भाजपा ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने महासचिव पर नियम पुस्तिका फेंक दी।