साबले 3000 मीटर स्टीपलचेस में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय, तूर को भी स्वर्ण

रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन करने वाले अविनाश साबले एशियाई खेलों में पुरूषों की 3000 मीटर स्टीपलचेस स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरूष बन गए जबकि पुरूषों के शॉटपुट में तेजिंदर पाल सिंह तूर ने अपना खिताब बरकरार रखा। 29 वर्ष के राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी साबले ने हांगझोउ खेलों की एथलेटिक्स स्पर्धा में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया । उन्होंने 8 : 19 . 50 सेकंड में रेस पूरी की।

उन्होंने 8 : 22 . 79 सेकंड का एशियाई रिकॉर्ड तोड़ा जो 2018 जकार्ता खेलों में ईरान के हुसैन केहानी ने बनाया था । सुधा सिंह ने 2010 ग्वांग्झू एशियाई खेलों में महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेस स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था ।

वहीं शॉटपुट में तूर ने पहले दो प्रयास में फाउल करने के बाद तीसरे प्रयास में 19 . 51 मीटर का थ्रो लगाया । उनका चौथा थ्रो 20 . 06 मीटर का रहा लेकिन पांचवां थ्रो फिर फाउल हो गया । उनका सर्वश्रेष्ठ प्रयास आखिरी थ्रो पर 20 . 36 मीटर था जिसने उन्हें स्वर्ण पदक दिलाया ।

तूर ने जकार्ता खेलों में 20 . 75 मीटर के थ्रो के साथ पीला तमगा हासिल किया था ।

सउदी अरब के मोहम्मद डोडा टोलो ने 20 . 18 मीटर के साथ रजत पदक जीता जबकि चीन के लियू यांग ने 19 . 97 मीटर के साथ कांस्य पदक हासिल किया ।

इससे पहले गत चैंपियन भारत की हेप्टाथलन खिलाड़ी स्वप्ना बर्मन चोटों से जूझने के कारण भाला फेंक स्पर्धा के बाद हेप्टाथलन स्पर्धा से पदक की दौड़ से लगभग बाहर हो गईं।

भाला फेंक में 52.55 मीटर का निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली स्वप्ना दो दिवसीय कड़ी प्रतियोगिता की इस स्पर्धा में 45.13 मीटर का सर्वश्रेष्ठ प्रयास ही कर सकीं। सात स्पर्धाओं की इस प्रतियोगिता में अब सिर्फ एक स्पर्धा बची है।

स्वप्ना ने 2018 में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय हेप्टाथलन खिलाड़ी बनने के दौरान जो दो स्पर्धाएं जीती थी उनमें भाला फेंक भी शामिल था।

कुल मिलाकर स्वप्ना 4840 अंक के साथ चौथे स्थान पर चल रही हैं। वह अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी चीन की जिंगयी ल्यु से 11 अंक पीछे है। सात स्पर्धा की इस प्रतियोगिता में अब सिर्फ 800 मीटर दौड़ बची है।

स्पर्धा में हिस्सा ले रही एक अन्य भारतीय नंदिनी अगासरा भाला फेंक में 39.88 मीटर के प्रयास के बाद पांचवें स्थान पर चल रही हैं।

इससे पहले स्वप्ना ने लंबी कूद में 5.71 मीटर जबकि नंदिनी ने 5.94 मीटर का प्रयास किया।

रीढ़ की हड्डी की चोट से जूझने के बाद स्वप्ना पिछले साल संन्यास पर विचार कर रहीं थी लेकिन उन्होंने हांगझोउ में अपने खिताब की रक्षा करने और अंतिम बार एशियाई खेलों में उतरने का फैसला किया।

स्वप्ना ने इस साल अंतर राज्यीय प्रतियोगिता जीती और एशियाई खेलों से पहले रजत पदक भी हासिल किया। ट्रेनिंग जारी करने के लिए उन्होंने सर्जरी नहीं कराने का फैसला किया।

स्वप्ना के कोच सुभाष सरकार ने कहा, ‘‘उसका शरीर बोझ नहीं उठा पाया और वह अच्छी शुरुआत करने में सफल रही।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उसे ऊंची कूद में अच्छे नतीजे की उम्मीद थी लेकिन चौथे स्थान ने उसे तोड़ दिया और वह उससे उबर नहीं पाई।’’

स्वप्ना ने ऊंची कूद में 1.70 मीटर का प्रयास किया जो उनके 1.87 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के आसपास भी नहीं है।

इससे पहले अमलान बोरगोहेन पुरुष 200 मीटर हीट में 21.08 सेकेंड के समय के साथ तीसरे स्थान पर रहते हुए सेमीफाइनल में पहुंच गए।

नियमों के अनुसार प्रत्येक हीट (शुरुआती दौर) में शीर्ष तीन में रहने वाले खिलाड़ी सेमीफाइनल में जगह बनाते हैं। प्रत्येक हीट से शीर्ष तीन धावकों के बाद सभी हीट में चार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को भी सेमीफाइनल में जगह मिलती है।

देश के सबसे तेज पुरुष धावक असम के अमलान के नाम अभी पुरुष 100 मीटर और 200 मीटर दोनों राष्ट्रीय रिकॉर्ड हैं।

ज्योति याराजी हालांकि महिला 200 मीटर फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहीं। उन्होंने 23.78 सेकेंड का समय लिया।