संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाद गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि आज सरकार की तरफ से जो ड्राफ्ट आया है, उसपर हमारी सहमति बनी है.

एक साल से अधिक समय से जारी किसानों का आंदोलत कल खत्म हो सकता है. आज संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक हुई. इस बैठक में सरकार के प्रस्ताव पर विस्तृत चर्चा की गई. इसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा, ”भारत सरकार से एक संशोधित मसौदा प्रस्ताव प्राप्त करने की पुष्टि की है और प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए एसकेएम के भीतर एक आम सहमति बन गई है. अब, सरकार के लेटरहेड पर हस्ताक्षर किए गए औपचारिक पत्र की प्रतीक्षा है. एसकेएम कल दोपहर बारह बजे सिंघु मोर्चा पर फिर से बैठक करेगा और उसके बाद मोर्चों को हटाने के लिए औपचारिक फैसला करेगा.”

 

बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में किसान दिल्ली के सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हुए हैं. किसान नेताओं की तीन कृषि कानूनों की वापसी के अलावा एमएसपी पर कानून, प्रदर्शन के दौरान दर्ज केस की वापसी समेत अन्य मांग है. इनमें से कृषि कानून की वापसी हो चुकी है. केंद्र सरकार ने एमएसपी पर कमेटी बनाने की बात कही है.

 

तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने वाला बिल 29 नवंबर को संसद के दोनों सदनों से पारित हुआ था. इसके बाद एक दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस बिल को मंजूरी दी थी. इसी के साथ ही औपचारिक तौर पर तीनों कृषि कानून निरस्त हो गए.

 

 

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को गुरु पर्व के अवसर पर राष्ट्र के नाम संबोधन में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले की घोषणा की थी. साथ ही उन्होंने कहा था कि एमएसपी को लेकर कमेटी गठित की जाएगी. बिल वापसी के एलान के बाद किसान संगठनों ने इसका स्वागत किया लेकिन आंदोलन खत्म नहीं करने की बात कही थी.