विदाई समारोह में बोले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद- राजनीतिक दलों को दलगत राजनीति से उपर उठकर करना चाहिए काम

ramnath kovind

संसद भवन के सेंट्रल हॉल में शनिवार को आयोजित विदाई समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के सभी राजनीतिक दलों से दलगत राजनीति से उपर उठकर देशवासियों के लिए काम करने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा है कि राजनीतिक प्रक्रियाएं, राजनीतिक दलों के अपने तंत्रों के माध्यम से संचालित होती हैं, लेकिन पार्टियों को दलगत राजनीति से ऊपर उठना चाहिए और ‘राष्ट्र सर्वोपरी’ की भावना से यह विचार करना चाहिए कि देशवासियों के विकास और कल्याण के लिए कौन-कौन से कार्य आवश्यक हैं।

वहीं, राष्ट्रपति को लोकसभा और राज्यसभा के साथ संसदीय परिवार का अभिन्न अंग बताते हुए रामनाथ कोविंद ने कहा कि जैसे परिवार में मतभेद होते हैं वैसे ही कभी-कभी संसद में भी मतभेद हो सकते हैं, आगे का रास्ता कैसे तय करना है, इस विषय पर विभिन्न राजनीतिक दलों के विचार अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन हम सबकी सर्वोच्च प्राथमिकता देश और देशवासियों के हित में निरंतर काम करते रहने की है।

इस दौरान उन्होंने महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि देश के नागरिकों को अपनी मांगों के लिए दबाव बनाने का और विरोध करने का संवैधानिक अधिकार उपलब्ध है, लेकिन इस अधिकार का प्रयोग हमेशा गांधीवादी तौर-तरीकों के अनुरूप शांतिपूर्ण ढंग से किया जाना चाहिए।

अपने सम्मान में आयोजित विदाई समारोह में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की मौजूदगी में दोनों सदनों के सांसदों को संबोधित करते हुए उन्होने देशवासियों के कल्याण और विकास के लिए सरकार द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों और सबके प्रयास से केवल 18 महीने में ही 200 करोड़ वैक्सीन लगाने के लक्ष्य को प्राप्त करने जैसी कई उपलब्धियों का जिक्र करते उनके कार्यकाल के दौरान दो अत्यंत महत्वपूर्ण आयोजन – राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती और आजादी के अमृत महोत्सव के अत्यंत प्रभावशाली आयोजनों के लिए देश की जनता व सरकार को खास तौर से बधाई भी दी।

इसके अलावा देश की विकास यात्रा का जिक्र करते हुए रामनाथ कोविंद ने कहा कि जब वे जन-सेवक के रूप में अपने और सरकारों के प्रयासों के बारे में सोचते हैं, तो उन्हे यह स्वीकार करना पड़ता है कि समाज के हाशिए पर जीवन-यापन करने वाले लोगों के जीवन-स्तर को बेहतर बनाने के लिए, हालांकि बहुत कुछ किया गया है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।

वहीं, राष्ट्रपति पद के लिए नव-निर्वाचित, द्रौपदी मुर्मु को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हुए उन्होने यह उम्मीद भी जताई कि सर्वोच्च संवैधानिक पद पर उनका चुनाव महिला सशक्तीकरण को बढ़ाने के साथ-साथ समाज के संघर्षशील लोगों में महत्वाकांक्षा का संचार करने वाला होगा। उन्होने कहा कि उन्हे पूरा विश्वास है कि द्रौपदी मुर्मु के अनुभव, विवेक और व्यक्तिगत आदर्श से पूरे देश को प्रेरणा मिलेगी और मार्गदर्शन भी मिलगा।

आपको बता दें कि मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म होने जा रहा है। शनिवार शाम को लोक सभा और राज्य सभा के सांसदों ने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में आयोजित एक समारोह में भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को विदाई दी।

विदाई समारोह में उपराष्ट्रपति एवं राज्य सभा के सभापति वेंकैया नायडू और लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कोविंद को विदाई संदेश, स्मृति चिन्ह और संसद सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित एक हस्ताक्षर पुस्तिका भेंट की। उनके सम्मान में लोकसभा अध्यक्ष ने विदाई भाषण भी दिया।

आपको बता दें कि राष्ट्रपति कोविंद के सम्मान में आयोजित इस विदाई समारोह में नायडू और बिरला के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनकी सरकार के मंत्री और दोनों सदनों के सत्ता पक्ष एवं विपक्षी दलों के कई सांसद मौजूद रहें।