लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, जानिए कितना हुआ कामकाज

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लोकसभा में संसद का शीतकालीन सत्र अपने निर्धारित समय से एक दिन पहले ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया। 29 नवंबर से शुरू हुए सत्र के दौरान 18 बैठकें हुईं और सदन में 82 प्रतिशत कामकाज हुआ, वहीं व्यवधान के कारण 18 घंटे 48 मिनट का समय व्यर्थ गया।

बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सत्र को अनिश्चतकाल के लिए स्थगित करने से पहले अपने पारंपरिक संबोधन में कहा, “यह सत्र 29 नवंबर से शुरू हुआ और इस दौरान कुल 18 बैठकें हुई जो 83 घंटे 12 मिनट तक चलीं।”

उन्होंने बताया कि सत्र के आरंभ में सदन के तीन सदस्यों ने 29 और 30 नवंबर को शपथ ली। बिरला ने कहा कि इस सत्र में महत्वपूर्ण वित्तीय और विधायी कार्य निपटाये गए तथा इस दौरान 12 सरकारी विधेयक पेश किये गए और ना विधेयक पारित हुए।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस दौरान सदन में 82 प्रतिशत कामकाज हुआ और व्यवधान के कारण 18 घंटे 48 मिनट का समय व्यर्थ गया। उन्होंने कहा, सभा का कार्य निष्पादन आशा के अनुरूप नहीं रह पाया।’’ उन्होंने कहा कि दो दिसंबर को सभा का कार्य निष्पादन 204 प्रतिशत रहा।

ओम बिरला ने कहा कि 9 दिसम्बर को सदन में देर तक बैठकर 62 सदस्यों ने शून्य काल के तहत अपने विषय उठाए जिनमें 29 महिला सदस्य थीं। सत्र के दौरान संसदीय समितियों के 44 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए गए। मंत्रियों द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर कुल 50 वक्तव्य दिए गए।

सत्र के दौरान, विभिन्न मंत्रियों द्वारा 2,658 पत्रों को सभा पटल पर रखा गया। गैर-सरकारी सदस्यों के कामकाज के तहत 3 दिसंबर को विभिन्न विषयों पर 145 विधेयक पेश किए गए। जनार्दन सिंह सीग्रीवाल द्वारा प्रस्तुत ‘अनिवार्य मतदान विधेयक, 2019’ पर आगे चर्चा जारी रही, जो पूरी नहीं हुई। रितेश पाण्डेय द्वारा पेश ‘आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी सहायिकाओं के लिए कल्याणकारी उपाय’ के संबंध में गैर-सरकारी संकल्प पर चर्चा को जारी रही और पूरी नहीं हो पाई।

लोकसभा अध्यक्ष बिरला के वक्तव्य के बाद राष्ट्रगीत वंदे मातरम की धुन बजाई गई और सदन की कार्यवाही को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। बुधवार को सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी समेत केंद्रीय मंत्री और विपक्ष के दलों के नेता मौजूद रहे।

बता दें कि शीतकालीन सत्र निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 29 नवंबर से शुरू होने के बाद 23 दिसंबर तक चलना था लेकिन इसे एक दिन पहले 22 दिसंबर को अनिश्चित काल के लिये स्थगित कर दिया गया। सत्र के दौरान कृषि विधि निरसन विधेयक 2021, राष्ट्रीय औषध शिक्षा अनुसंधान संस्थान संशोधन विधेयक 2021, केंद्रीय सतर्कता आयोग संशोधन विधेयक 2021, दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन संशोधन विधेयक 2021 और निर्वाचन विधि संशोधन विधेयक 2021 जैसे महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए गए।

20 दिसंबर को वर्ष 2021-22 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों के दूसरे बैच पर चर्चा हुई। वहीं, लोकसभा सचिवालय के अनुसार सत्र के दौरान 91 तारांकित प्रश्नों के उत्तर दिये गए और 20 दिसंबर को 20 तारांकित प्रश्नों की सूची को कवर किया गया।

शून्यकाल के दौरान लोक महत्व के 563 मामलों को सदस्यों ने उठाया। सदस्‍यों ने नियम 377 के अधीन 344 लोक हित के विषय सदन के समक्ष प्रस्तुत किए। ‘कोविड-19 वैश्विक महामारी’ और ‘जलवायु परिवर्तन’ के विषय पर दो अल्पकालिक चर्चा भी हुईं। ‘जलवायु परिवर्तन’ विषय पर चर्चा अभी पूरी नहीं हुई है।