रोड रेज मामले में एक साल की सजा सुनाए जाने के बाद जानिए SC के फैसले पर क्या बोले नवजोत सिंह सिद्धू…?

Navjot Singh Sidhu

सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1988 के ‘रोड रेज’ मामले में एक साल की सजा सुनाए जाने के बाद पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि वह ‘कानून का सम्मान करेंगे।’

बता दें कि जब कोर्ट का फैसला आया तो सिद्धू उस समय महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए पटियाला में थे। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “कानून का सम्मान करूंगा…।”

वहीं, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति एस के कौल की पीठ ने सिद्धू को दी गई सजा के मुद्दे पर मृतक के परिवार द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका को स्वीकार कर लिया। हालांकि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मई 2018 में सिद्धू को मामले में “जानबूझकर चोट पहुंचाने” के अपराध का दोषी ठहराया था, लेकिन इसने उन्हें 1,000 रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया था।

बता दें कि साल 1988 में सड़क पर हुई हाथापाई की घटना के बाद 65 वर्षीय गुरनाम सिंह को अस्पताल ले जाया गया था जहां उनकी मौत हो गई थी।

वहीं, पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा, “हमें लगता है कि रिकॉर्ड में एक त्रुटि स्पष्ट है…. इसलिए, हमने सजा के मुद्दे पर पुनर्विचार आवेदन को स्वीकार किया है। लगाए गए जुर्माने के अलावा, हम एक साल के कारावास की सजा देना उचित समझते हैं।”

इसके बाद फैसले के बारे में मीडिया के प्रतिक्रिया मांगने पर सिद्धू ने कहा,”कोई टिप्पणी नहीं।” इस दौरान सिद्धू पटियाला में कांग्रेस नेता लाल सिंह के आवास पर थे। बाद में वह पटियाला स्थित अपने आवास चले गए।

मृतक गुरनाम सिंह के परिवार ने SC के फैसले का किया स्वागत

उधर, मृतक गुरनाम सिंह के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ईश्वर का शुक्रिया अदा किया।गुरनाम सिंह की बहू परवीन कौर ने कहा, “हम बाबा जी (सर्वशक्तिमान) को धन्यवाद देते हैं। हमने इसे बाबा जी पर छोड़ दिया था। बाबा जी ने जो कुछ भी किया है वह सही है।”

वहीं, एक सवाल के जवाब में परवीन कौर ने कहा, “हम फैसले से संतुष्ट हैं।’’ गुरनाम सिंह के पोते सब्बी सिंह ने भी भगवान का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा, ‘‘हम ईश्वर का धन्यवाद व्यक्त करते हैं।’’ परिवार पटियाला शहर से पांच किलोमीटर दूर घलोरी गांव में रहता है।

दरअसल, सिद्धू को मामले में सिर्फ एक हजार रुपये के जुर्माने की सजा दिए जाने के आदेश के खिलाफ मृतक के परिवार ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया और कांग्रेस नेता को एक साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।