बिहार : छह दिनों में एक करोड़ से अधिक लोगों को मिला आयुष्मान भारत कार्ड

बिहार सरकार ने दो मार्च को शुरू किए गए छह दिवसीय विशेष अभियान के दौरान ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ (एबी पीएमजेएवाई) के तहत एक करोड़ से अधिक आयुष्मान भारत कार्ड जारी किए हैं।

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया, ”बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने एबी पीएमजेएवाई के तहत राज्य के सभी राशन कार्ड धारकों को हर साल पांच लाख रुपये तक मुफ्त चिकित्सा उपचार प्रदान करने का निर्णय लिया है।”

उन्होंने कहा, ”छह दिनों में (सुबह 11 बजे, 8 मार्च, 2024 तक) 1,03,95497 लाभार्थियों को आयुष्मान भारत कार्ड जारी करना राज्य सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है।”

उपमुख्यमंत्री ने कहा, “राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत आने वाले सभी राशन कार्ड धारकों को हर साल पांच किलो चावल और पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। वर्तमान में राज्य में लगभग 1.2 करोड़ लोग एबी पीएमजेएवाई की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं।”

स्वास्थ्य विभाग का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे चौधरी ने कहा, ”अब एनएफएस अधिनियम के तहत लाभार्थी 1,03,95497 परिवारों को को भी आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा गया है।”

राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक 5,99,609 आयुष्मान भारत कार्ड सीवान जिले में जारी किए गए, इसके बाद मुजफ्फरपुर (5,44018), पटना (5,00292), मधुबनी (4,72,977), दरभंगा (4,44,191), सुपौल (4,41,520), गया (4,25,092), समस्तीपुर (3,81,605), गोपालगंज (3,74,075), वैशाली (3,30,227), पश्चिम चंपारण (3,19,442), मधेपुरा (2,98,157), नालंदा (2,95,403), बांका (2,88,724), कटिहार (2,84,953), भंगलपुर (2,79,329) आदि जिलों में जारी किए गए।

जिन जिलों में जारी किए गए आयुष्मान भारत कार्डों की संख्या एक लाख से कम है, उनमें मुंगेर (99,984), किशनगंज (76,861), शेखपुरा (58,132) और शिवहर (47,288) शामिल हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार मंत्रिमंडल ने 20 फरवरी को एबी पीएमजेएवाई के तहत राज्य के सभी राशन कार्ड धारकों को हर साल पांत लाख रुपये तक मुफ्त चिकित्सा उपचार का लाभ देने का निर्णय लिया था।

आयुष्मान भारत योजना, केंद्र सरकार की एक राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य बीमा योजना है, जिसका उद्देश्य देश में कम आय वाले लोगों के लिए स्वास्थ्य बीमा कवरेज तक मुफ्त पहुंच प्रदान करना है।

यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है और इसे केंद्र व राज्य सरकार दोनों संयुक्त रूप से वित्त पोषित करती हैं।