पैरासिटामॉल समेत 800 दवाएं एक अप्रैल से हो जाएंगी महंगी, 10 प्रतिशत तक बढ़ेंगे दाम

आम जनता पर महंगाई की मार लगातार जारी है। पेट्रोल-डीजल और गैस के बाद अब आम लोगों को महंगी दवाएं खरीदनी होंगी। आम बीमारियों का इलाज करने वाली करीब 800 से ज्यादा जरूरी दवाओं के दाम में 11 प्रतिशत की भारी वृद्धि हो जाएगी।

नेशनल फार्मा प्राइसिंग अथॉरिटी ने सोमवार को कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा की।
NPPA ने जिन दवाओं के दाम बढ़ाए गए हैं उन्हें आवश्यक दवाओं की श्रेणी में गिना जाता है। यानि कि अब आपको साधारण बुखार से लेकर अन्य बीमारियों के लिए ज्यादा जेब ढीली करनी होगी।

ये दवाएं नेशनल एसेंशियल लिस्ट ऑफ मेडिसिन में आती हैं। नेशनल एसेंशियल लिस्ट ऑफ मेडिसिन की संशोधित नीति वर्ष 2013 में लागू हुई थी। उसके बाद से जरूरी दवाओं के दामों में यह अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि (10.76 फीसदी की) है।

1 अप्रैल से जिन 800 आवश्यक दवाओं की कीमतें बढ़ेंगी उसमें एंटीबायोटिक्स, सर्दी-खांसी की दवाएं, कान-नाक और गले की दवाएं, एंटीसेप्टिक्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स, दर्द और गैस की दवाएं शामिल हैं। बुखार में काम आने वाली पैरासिटामोल और बैक्टीरियल इंफेक्शन के इलाज वाली एंटीबायोटिक्स एजिथ्रोमाइसिन भी इनमें शामिल है। गर्भवती महिलाओं के लिए फोलिक एसिड, विटामिन और मिनरल्स की कमी को दूर करने वाली दवाएं भी इसी श्रेणी में आती हैं।