नवरात्रि का नौवां दिन, मां सिद्धिदात्री को प्रसन्न करने के लिए इन चीजों का लगाएं भोग…

Maa Siddhidatri

मां दुर्गा की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री हैं। ये सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं। नवरात्रि के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन शास्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है।

इस देवी के दाहिनी तरफ नीचे वाले हाथ में चक्र, ऊपर वाले हाथ में गदा तथा बायीं तरफ के नीचे वाले हाथ में शंख और ऊपर वाले हाथ में कमल का पुष्प है। इनका वाहन सिंह है और यह कमल पुष्प पर भी आसीन होती हैं। नवरात्रि में यह अंतिम देवी हैं। इनका प्रसिद्ध तीर्थ हिमाचल के नन्दापर्वत पर है।

मान्यता…

माना जाता है कि इनकी पूजा करने से बाकी देवीयों कि उपासना भी स्वंय हो जाती है। यह देवी सर्व सिद्धियां प्रदान करने वाली देवी हैं। उपासक या भक्त पर इनकी कृपा से कठिन से कठिन कार्य भी आसानी से संभव हो जाते हैं। अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व आठ सिद्धियां होती हैं। इसलिए इस देवी की सच्चे मन से विधि विधान से उपासना-आराधना करने से यह सभी सिद्धियां प्राप्त की जा सकती हैं।

कहते हैं भगवान शिव ने भी इस देवी की कृपा से यह तमाम सिद्धियां प्राप्त की थीं। इस देवी की कृपा से ही शिव जी का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसी कारण शिव अर्द्धनारीश्वर नाम से प्रसिद्ध हुए। इस देवी के दाहिनी तरफ नीचे वाले हाथ में चक्र, ऊपर वाले हाथ में गदा तथा बायीं तरफ के नीचे वाले हाथ में शंख और ऊपर वाले हाथ में कमल का पुष्प है।

विधि-विधान से नौंवे दिन इस देवी की उपासना करने से सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं। इनकी साधना करने से लौकिक और परलौकिक सभी प्रकार की कामनाओं की पूर्ति हो जाती है। मां के चरणों में शरणागत होकर हमें निरन्तर नियमनिष्ठ रहकर उपासना करनी चाहिए। इस देवी का स्मरण, ध्यान, पूजन हमें इस संसार की असारता का बोध कराते हैं और अमृत पद की ओर ले जाते हैं।

मां सिद्धिदात्री प्रिय रंग –

शारदीय नवरात्रि का समापन 4 अक्टूबर 2022 को हो रहा है। नवरात्रि के आखिरी दिन यानी नवमी तिथि को मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मां सिद्धिदात्री ज्ञान की देवी हैं, नवमी पर गुलाबी रंग का प्रयोग कर सकते हैं। गुलाबी रंग नारीत्व का प्रतीक माना जाता है।

मां सिद्धिदात्री प्रिय भोग –

मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री को मौसमी फल, चना, पूड़ी, खीर, नारियल और हलवा अति प्रिय है, इसलिए इस दिन मां को उन्ही चीजों का भोग लगाना चाहिए।

सिद्धिदात्री का मंत्र –

सिद्धगन्धर्व-यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।।

मां सिद्धिदात्री को प्रसन्न करने के उपाय –

मां सिद्धिदात्री की पूजा के समय पांच तरह का मिष्ठान चढ़ाया जाता है जो भक्त माता को पांच तरह की मिठाईयों का भोग लगाकर कुंवारी कन्याओं में प्रसाद रूप में बांटते हैं। मां सिद्धिदात्री उनकी राह में आने वाली बाधा को दूर करती हैं और व्यक्ति अपनी मेहनत और योग्यता के अनुसार धन और ज्ञान अर्जित करने में सफल होता है।