देश का सबसे छोटा रॉकेट SSLV-D1 हुआ लॉन्च, जानें इसकी खासियतें

भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो आज एक नया इतिहास रच दिया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन अपने पहले स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल रॉकेट के श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित कर दिया है। इस मिशन के लिए इसरो के वैज्ञानिक और विशेषज्ञ पिछले कई हफ़्तों से जुटे थे।

एसएसएलवी का उपयोग उपग्रह भेजने में पहली बार होगा होगा। इससे पहले पीएसएलवी और जीएसएलवी रॉकेटों से उपग्रह प्रक्षेपित किये जाते थे। इसरो इस रॉकेट की मदद से बेहद कम समय व खर्च में 500 किलो तक के उपग्रह निचले परिक्रमा पथ पर भेजे जा सकेंगे।

इस मिशन में इसरो दो उपग्रह अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट- 02 और आजादीसैट भेज रहा है। पांच घंटे का काउंटडाउन रविवार सुबह 04:18 मिनट पर शुरू हुआ और 09:18 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया। हालांकि अन्य मिशन में काउंटडाउन 25 घंटे का होता है। प्रक्षेपण के 13 मिनट बाद ईओएस-02 और फिर आजादीसैट को परिक्रमा पथ पर रखा जाएगा।

माइक्रो श्रेणी के ईओ-02 उपग्रह में इंफ्रारेड बैंड में चलने वाले और हाई स्पेशियल रेजोल्यूशन के साथ आने वाले आधुनिक ऑप्टिकल रिमोट सेंसिंग दिए गए हैं। आजादीसैट आठ किलो का क्यूबसैट है, इसमें 50 ग्राम औसत वजन के 75 उपकरण हैं। इन्हें ग्रामीण भारत के सरकारी स्कूलों की छात्राओं ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर इसरो के वैज्ञानिकों की मदद से बनाया। वहीं स्पेस किड्स इंडिया के विद्यार्थियों की टीम ने धरती पर प्रणाली तैयार की जो उपग्रह से डाटा रिसीव करेगी।