जिस काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का आज पीएम मोदी करेंगे लोकार्पण, उसकी क्या हैं खासियतें

यूपी के वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण के लिए आज पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र में रहेंगे. पीएम की इस ड्रीम प्रोजेक्ट से वाराणसी में टूरिज्म को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. आज पीएम मोदी अपनी इस महत्वकांक्षी योजना का लोकार्पण आचार्यों द्वारा तय किए शुभ मुहूर्त पर करेंगे.

आइए जानते है काशी कॉरिडोर की खासियतें.

 

बीते 241 सालों के ​इतिहास में काशी विश्वनाथ मंदिर का तीसरी बार रेनोवेट किया गया है. इस पवित्र मंदिर को मुगलों ने कई बार नेस्तनाबूद करने की कोशिश की थी. मुगलों द्वारा किए गए हमलों ने काशी विश्वनाथ मंदिर को काफी क्षति पहुंचाई है.

 

सबसे पहले इस मंदिर को सन् 1780 में महारानी अहिल्या बाई होल्कर द्वारा रेनोवेट करवाया गया था. इसके बाद सन् 1853 में महाराजा रणजीत सिंह इस मंदिर के कई स्थानों पर स्वर्ण जड़वाए थे. इसके बाद साल 2019 में पीएम मोदी की परियोजना के तहत इस मंदिर में भव्य कॉरिडोर का निर्माण कार्य शुरू हुआ.

 

दो भागों में बांटा गया है कॉरिडोर

बता दें कि ये कॉरिडोर दो भागों में बांटा गया है. मुख्य परिसर को बनाने में लाल बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया गया है. कॉरिडोर में चार बड़े-बड़े गेट है जिसके चारो तरफ प्रदक्षिणा पथ बना है. इस पथ पर संगमरमर के 22 शिलालेख लगाए गए हैं, इनमें आदि शंकराचार्य की स्तुतियां, अन्नपूर्णा स्त्रोत, काशी विश्वानाथ की स्तुतियां और भगवान शंकर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों का उल्लेख किया गया है.

काशी विश्वनाथ गलियारे के एंट्री गेट की संरचनाएं पारंपरिक शिल्प कौशल का उपयोग कर बनाई गई है जो हमारी संस्कृति और इतिहास को दर्शाता है. काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट की वेबसाइट की माने तो इस मंदिर को ‘स्वर्ण मंदिर’ के नाम से भी जाना जाता है.