आज चैत्र नवरात्रि का प्रथम दिन है। आपको बता दें कि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि या बसंत नवरात्रि शुरु होती हैं। साथ ही आज के दिन कलश स्थापना के बाद मां शैलपुत्री की पूजा करते हैं।
मां शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री थीं। सफेद वस्त्र धारण किए मां शैलपुत्री के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल शोभायमान है। मां के माथे पर चंद्रमा सुशोभित है। यह नंदी बैल पर सवार संपूर्ण हिमालय पर विराजमान हैं। शैलपुत्री मां को वृषोरूढ़ा और उमा के नामों से भी जाना जाता है। देवी के इस रूप को करुणा और स्नेह का प्रतीक माना गया है। घोर तपस्या करने वाली मां शैलपुत्री सभी जीव-जंतुओं की रक्षक मानी जाती हैं।
पूजा विधि: नवरात्रि के पहले दिन प्रात:काल उठकर स्नानादि से निवृत होकर स्वच्छ कपड़े पहनें। फिर एक चौकी पर देवी दुर्गा की प्रतिमा और कलश स्थापित करें। फिर मां शैलपुत्री का ध्यान कर व्रत का संकल्प करें। मां शैलपुत्री को सफेद रंग की वस्तुएं काफी प्रिय हैं, इसलिए चंदन-रोली से टीका कर मां की प्रतिमा पर सफेद वस्त्र और सफेद फूल चढ़ाने चाहिए। साथ ही सफेद रंग की मिठाई का भोग भी मां को बेहद ही पसंद आता है। बाद में शैलपुत्री माता की कथा करें और दुर्गा सप्शती का पाठ करें। इसके बाद दुर्गा चालीसा का पाठ करें। बाद में मां की आरती करें औ मां से आशीर्वाद मांगे।
माता शैलपुत्री को इन चीजों का लगाएं भोग:
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मां दुर्गा के शैलपुत्री रूप को गाय के घी और दूध से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है। आप माता को गाय के दूध से बनी बर्फी का भोग लगा सकते हैं
चैत्र नवरात्रि घटस्थापना पूजा सामग्री-
चौड़े मुंह वाला मिट्टी का एक बर्तन कलश , सप्तधान्य (7 प्रकार के अनाज), पवित्र स्थान की मिट्टी , गंगाजल , कलावा/मौली, आम या अशोक के पत्ते , छिलके/जटा वाला, नारियल , सुपारी अक्षत (कच्चा साबुत चावल), पुष्प और पुष्पमाला, लाल कपड़ा , मिठाई , सिंदूर , दूर्वा
नवरात्रि के पहले दिन का शुभ रंग-
नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री की अराधना का दिन होता है। मां शैलपुत्री का पसंदीदा रंग लाल है।