करनाल का 19वां जनसंवाद कार्यक्रम, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सुनीं लोगों की समस्याएं

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकारी साधनों पर पहला हक गरीबों का है। सरकार की ओर से गरीबों के लिये जितनी अधिक योजनाएं बनेंगी, समाज उतना ही सुखी होगा। सरकार गरीबों/वंचितों के विकास के लिए प्रयत्नशील है।  मुख्यमंत्री करनाल में वार्ड 9 में सेक्टर 7 के सामुदायिक केंद्र में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। करनाल विधानसभा क्षेत्र का यह 19वां जनसंवाद कार्यक्रम था। हलके में अभी 7 और जनसंवाद कार्यक्रम होने हैं। मुख्यमंत्री के अनुसार एक महीने के भीतर इन कार्यक्रमों का आयोजन कर दिया जायेगा। एक दिन पहले ही सूचना देने पर सफल कार्यक्रम के आयोजन के लिये उन्होंने लोगों को बधाई दी। इस मौके पर उन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों की समस्याएं भी सुनी और संबंधित अधिकारियों को उनके निपटान के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने व्यवस्था परिवर्तन के लिये किए गए प्रकल्पों की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने पहली बार हर परिवार का पहचान पत्र (फैमिली आईडी) बनाया है। पीपीपी में दर्ज जानकारी पूरी तरह से स्टीक है। अब जन्म लेने वाले हर शिशु और दिवंगत व्यक्ति की सूचना भी दर्ज होती है। पीपीपी के आधार पर किसी भी शहर की आबादी की सही जानकारी का पता चल जाता है। उन्होंने बताया कि अब हर व्यक्ति के जन्म दिवस पर शुभकामना संदेश प्रेषित करने का काम भी शुरू किया गया है। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने 25 सितंबर को जन्मे प्रवीण बेनिवाल व एक अन्य व्यक्ति को मंच पर बुलाकर बधाई दी और मुंह मीठा कराया।  मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 2 करोड़ 80 लाख लोग ही उनका परिवार हैं। वे सभी की चिंता करते हैं। गरीब बच्चों की शिक्षा, बीमार होने पर उनके इलाज की व्यवस्था और गरीबों की आय बढ़ाने के लिये सरकार ने कई कदम उठाये हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आयुष्मान भारत योजना लागू की है जिसमें नागरिकों को 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जाता है। केंद्र ने इसके लिये 1.20 लाख रुपये सालाना आय की शर्त लगाई है। राज्य सरकार ने चिरायु हरियाणा को जोड़ते हुये आय सीमा 1.80 लाख हजार रुपये की। करीब 29 लाख ऐसे परिवार हैं जिन्हें आयुष्मान/ चिरायु योजना का लाभ मिल रहा है। अधिक लोग चिरायु योजना का लाभ उठा सकें इसलिए सरकार ने अब इसका विस्तार करते हुए सालाना आय सीमा बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी है। हालांकि इस आय वर्ग के लोगों को सालाना 1500 रुपये का प्रीमियम चुकाना होगा। लाभार्थी सरकारी अथवा निजी सूचीबद्ध अस्पताल में 5 लाख रुपये तक का इलाज करा सकते हैं।