कम कोरोना मामलों के बावजूद भारत में क्यों बढ़ रही मृत्युदर? जानिए इस पर एक्सपर्ट्स ने क्या कहा

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भारत में सक्रिय कोरोना मामलों में मामूली गिरावट दर्ज की जा रही है, लेकिन कोविड-19 के कारण होने वाली मौतों में वृद्धि देखी जा रही है। ऐसे में ये बड़ा सवाल है कि यदि देश में कोरोना वायरस के मामले कम है इसके बावजूद भारत में मृत्युदर क्यों बढ़ रही है?

इस बीच अशोका यूनिवर्सिटी के विजिटिंग प्रोफेसर शाहिद जमील ने बताया, “मौतों के मामले पिछले 2-3 हफ्तों से ज्यादा देखे जा रहे हैं। इसका मतलब है कि संक्रमित लोग गंभीर रूप से बीमार हो रहे हैं, वे अस्पताल में भर्ती हैं और इलाज के बीच दम तोड़ रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “देश इस समय तीसरी कोविड लहर से गुजर रहा है, जो वायरस के अत्यधिक संक्रामक स्वरूप ओमिक्रॉन से शुरू हुई है।” शाहिद जमील ने कहा, “भारत में तीसरी लहर में ज्यादातर ओमिक्रॉन के मामले हैं। हालांकि रोजाना आंकड़ों में ओमिक्रॉन के मामले कम जुड़ रहे हैं, क्योंकि जीनोमिक सीक्वेंसिंग के बाद ही मामला निर्धारित किया जाता है।”

वहीं, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में सीनियर रिसर्च फेलो ग्रीन टेम्पलटन ने कहा, “सभी पॉजिटिव मामलों में वेरिएंट वायरस का पता लगाने के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग नहीं की जाती है, इसलिए ओमिक्रॉन के मामलों की कम संख्या देखी जा रही है। भारत में फरवरी के मध्य में तीसरी लहर के चरम पर पहुंचने की संभावना है।”

इसके अलावा कोच्चि के अमृता अस्पताल में संक्रामक रोग विभाग की डॉ. किरण जी. कुलीरंकल ने बताया कि अलग-अलग राज्यों में मामलों के शिखर अलग-अलग होंगे और मार्च के अंत तक यह कम होना शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा, “हालांकि कोविड के अंत की भविष्यवाणी करना अभी जल्दबाजी होगी।”