एक किसान क्रेडिट कार्ड, एक व्यक्ति, दो बैंकों से लोन, हुआ फर्जीवाड़ा

राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के समक्ष स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने इस मुद्दे को प्रमुखता से रखा है। केसीसी (kisan credit card) को लेकर सभी बैंकों की अभी एक केंद्रीयकृत प्रणाली नहीं है।

एक किसान क्रेडिट कार्ड, एक व्यक्ति, दो बैंकों से लोन, हुआ फर्जीवाड़ा

 

हरियाणा में बैंकों से फर्जी व्यक्ति के लोन की खबर सामने आई है। दरअसल किसान कार्ड लोन के बदले अलग-अलग बैंकों से लोन का फर्जीवाड़ा सामने आया है। एक ही व्यक्ति दो अलग-अलग बैंकों से लोन लेता हुआ पकड़ा गया है। केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) के नाम पर व्यक्ति बैंकों से लोन लेना गया, जिसके बाद बैंक के अधिकारियों ने उस व्यक्ति की पहचान की। सरकार की तरफ से फिल्हाल ऐसा कोई प्रावधान मान्य नहीं किया गया है, कि एक कार्ड पर एक व्यक्ति अलग-अलग बैंकों से लोन ले सकता है या नहीं?

 

राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के समक्ष स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने इस मुद्दे को प्रमुखता से रखा है। केसीसी (kisan credit card) को लेकर सभी बैंकों की अभी एक केंद्रीयकृत प्रणाली नहीं है। इसलिए यह फर्जीवाड़ा बड़े पैमाने पर अभी पकड़ में नहीं आ रहा। अनेक राज्य अपने प्रदेश में संचालित सभी बैंकों के केसीसी का रिकॉर्ड सत्यापित कर दो-दो बैंक से केसीसी पर लोन वाले किसानों, व्यक्तियों पर कार्रवाई कर रहे हैं।

 

लोन ना वापस होने पर राशि एनपीए करने के आदेश

 

बैंक अधिकारियों ने संभावना जताई है कि हरियाणा में जिस दिन सभी बैंकों के किसान क्रेडिट कार्ड का डाटा सत्यापित हुआ, उस दिन बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ सकता है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने बैंकर्स समिति को कहा है कि जल्दी डाटा सत्यापन करवाएं। अगर दो-दो जगह से लिया लोन किसानों ने वापस न किया तो बैंकों की बड़ी राशि एनपीए हो जाएगी। प्रदेश सरकार की वित्तीय मामलों से जुड़ी उप समिति में भी इस मुद्दे को उठाया जा चुका है।

 

वित्त विभाग के अधिकारियों ने कृषि महकमे और अग्रणी बैंकों से चर्चा कर इसका कोई समाधान निकालने का आश्वासन दिया है। बैंकों ने हरियाणा सरकार से आग्रह किया है कि भूमि के बदले लोन के डिफाल्टर मामलों में रिकवरी की व्यवस्था बनाई जाए। अगर कोई योजनाबद्ध तरीके से बैंकों का पैसा नहीं लौटाता है, तो रिकवरी के लिए स्पष्ट प्रावधान होना चाहिए।

 

आरबीआई ने दिए सख्त कार्रवाई करने के आदेश

 

प्रदेश में फर्जी सीएफएल यानि सेंटर फॉर फाइनेंशियल लिटरेसी (Center for Financial Literacy) भी चल रहे हैं। यह सेंटर सिर्फ कागजों में हैं, जमीनी स्तर पर नहीं। अग्रणी बैंकों के संज्ञान में ये मामले आए हैं। उन्होंने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से फर्जी सी.एफ.एल मामले में कार्रवाई की मांग की है। रिजर्व बैंक की योजना के तहत ही लोगों को वित्तीय तौर पर साक्षर बनाने के लिए ये केंद्र खोले गए हैं। आरबीआई के निर्देशऩ में अब हर बैंकों की जांच होगी, जहां भी लोन का फर्जीवाड़ा हुआ होगा, उस व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए जा चुके है।