पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने ऑर्बिट तथा न्यू दीप बस सर्विस के परमिट रद्द करने के पंजाब सरकार के फैसले को खारिज कर दिया है। दोनों बस सर्विस ऑपरेटर की याचिकाओं को मंजूर करते हुए हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को उनकी बसों को छोड़ने तथा किस्तों में टैक्स की राशि वसूल करने का आदेश दिया है।
जस्टिस अजय तिवारी पर आधारित खंडपीठ ने दोनों बस सर्विस ऑपरेटर की याचिकाओं पर पिछले सप्ताह अपना फैसला सुरक्षित किया था। सोमवार को हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए परमिट रद्द करने तथा बसों को जब्त करने के पंजाब सरकार के निर्णय को गलत करार दिया।
इससे पहले हाईकोर्ट ने टैक्स न भरने के चलते जब्त की गई निजी बसें तत्काल छोड़ने और उनका परमिट अस्थायी तौर पर बहाल करने का पंजाब सरकार को आदेश दिया था। ऑर्बिट एविएशन ने सीनियर एडवोकेट पुनीत बाली के माध्यम से दाखिल याचिका में बताया था कि सरकार पहले याची को टैक्स किश्तों में भरने की इजाजत दे चुकी थी और बाद में याचिकाकर्ता कंपनी को सूचित किए बिना इस इजाजत को रद्द कर दिया गया। इसके बाद याची के परमिट भी रद्द कर दिए गए।
याचिकाकर्ता टैक्स की पूरी राशि 30 नवंबर तक भरने को तैयार है। ऑर्बिट एविएशन ने हाईकोर्ट को बताया था कि उनका 77 लाख रुपये टैक्स बकाया था। 11 अक्तूबर को याची के निवेदन पर अथॉरिटी ने इसे चार किस्तों में भरने की छूट दी थी। याची ने पहली किश्त भी भर दी थी लेकिन 18 अक्तूबर को किस्तों में बकाया भरने की इजाजत वापस ले ली गई। ऐसे में याची का परमिट रद्द करना और बसों को जब्त करना सही नहीं है।
हाईकोर्ट ने याची पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद कहा था कि कोर्ट को अब इस मामले में दखल देना पड़ेगा। लिहाजा हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता कंपनी की जब्त की गई बसें छोड़ने और रद्द किए गए परमिट को अस्थायी रूप से बहाल करने का पंजाब सरकार को आदेश दिया था।
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