अयोध्या : ठंड से बचाने के लिए रामलला के लिए किए गए विशेष प्रबंध, गर्म बिस्तर, रजाई और ब्लोअर समेत जानिए क्या-क्या मिला

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उत्तर प्रदेश में ठंड ने ठिठुरन बढ़ा दी है। वहीं, मौसम के करवट लेने के मिजाज से रामलला भी अछूते नहीं है। उन्हें जाड़े से बचाने के लिए खास इंतजाम किए गए है। उन्हें रजाई ओढ़ाई जा रही है और ब्लोअर से गर्माहट दी जा रही है। ऐसे में अब वह अस्थाई मंदिर में ठाट से रह रहे हैं।

एक शयन झूले रूपी बेड में भगवान राम व भरत तो दूसरे में लक्ष्मण व शत्रुहन को रात्रि विश्राम कराया जाता है। मच्छरों से बचाने के लिए मच्छरदानी भी लगाया जाता है। ट्रस्ट रामलला के लिए सभी प्रकार की व्यवस्थाओं करने को प्रतिबद्ध रहता है।

गौरतलब है कि 6 दिसंबर, 1992 को ढांचा ढहाये जाने के बाद से जहां रामलला करीब 28 वर्ष तक अस्थायी मंदिर में विराजमान रहे हैं, वहीं उनकी सेवा-पूजा में समुचित संसाधन का अभाव भी महसूस किया जाता रहा।

पिछले वर्ष नौ नवंबर को सुप्रीम फैसला आने के बाद जहां भव्य मंदिर निर्माण की तैयारी शुरू हुई, वहीं मंदिर निर्माण होने तक रामलला को समुचित साज-सज्जा से युक्त वैकल्पिक गर्भगृह में स्थापित किये जाने का प्रयास हुआ।

इसी वर्ष 25 मार्च को रामलला को वैकल्पिक गर्भगृह में स्थापित किए गए फिर उनकी भव्य व्यवस्था की गई। बता दें कि अयोध्या में स्थित श्रीराम जन्मभूमि परिसर में विराजमान रामलला 28 वर्षों से टेंट में रहे।

इस दौरान रामलला को सिर्फ गर्म वस्त्र ही मिल रहे थे। टेंट में सुरक्षा कारणों से किसी भी प्रकार के यंत्र और अंगीठी के प्रयोग पर रोक थी, लेकिन नौ नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 25 मार्च को रामलला टेंट से निकलकर आधुनिक सुविधाओं से संपन्न अस्थाई मंदिर में विराजमान हैं।