हिमाचल प्रदेश में भीषण तबाही मचा चुका मानसून फिर सक्रिय होगा। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने अगले 96 घंटे के लिए पहाड़ों पर तेज बारिश की चेतावनी दी है।
हिमाचल प्रदेश में भीषण तबाही मचा चुका मानसून फिर सक्रिय होगा। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने अगले 96 घंटे के लिए पहाड़ों पर तेज बारिश की चेतावनी दी है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा बाढ़ और लैंड स्लाइड से हुए भारी नुकसान का जायजा लेने के लिए रविवार को अपने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश का दौरा किया। बताए वह सबसे पहले सिरमौर जिले के सतौन गांव में पहुंचे, जहां उन्होंने आपदा प्रभावितों से मुलाकात की। इसके बाद वह शिमला के तबाह हुए शिव बावड़ी मंदिर पहुंचे। साथ ही अध्यक्ष के साथ केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और सांसद सुरेश कश्यप भी मौजूद रहे।
हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज दिल्ली दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वह प्रदेश में बाढ़ से उत्पन्न हुए हालातों को लेकर केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर सकते है और केंद्र से मदद की मांग कर सकते है।
हिमाचल प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा की वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां कई जगहों पर हुई लैंडस्लाइड को देखते हुए प्रशासन अलर्ट है।
हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर देखने को मिला है। शिमला में लैंडस्लाइड में अब तक 16 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। घटना के 6 दिन बाद में यहां लागातर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
हिमाचल प्रदेश के सोलन और मंडी में बादल फटने से काफी नुकसान हुआ। सोलन में बादल फटने की वजह से 7 लोगों की मौत हुई है और कई मकानों को क्षति भी पहुंची है। प्रशासन की तरफ से राहत-बचाव का कार्य जारी है।
हिमाचल प्रदेश में बारिश के बाद लैंडस्लाइड की घटनाएं लगातार जारी है। इस बीच सुंदरनगर के कांगू-डैहर सड़क मार्ग पर सड़क धंसने से HRTC की बस भी सड़क से नीचे लुढ़क गई।
5 दिनों से बंद किया गया चंडीगढ़-शिमला हाईवे अब तक छोटी गाड़ियों के लिए बहाल नहीं हुआ है। प्रशासन ने हाईवे जल्द खोलने का वादा किया था लेकिन वह वादा बेअसर रहा।
हिमाचल प्रदेश के कृषि और पशुपाल मंत्री प्रोफेसर चंद्र कुमार ने कांगड़ा जिला के इंदौर उपमंडल के बाढ़ प्रभावित मण्ड क्षेत्र का दौरा किया।
सभी सदस्यों को शपथ दिलाने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मुझे विश्वास है कि इनकी विशेषज्ञता जिम्मेदार जल संसाधन प्रबंधन और सतत् विकास की दिशा में हमारे प्रयासों का मार्गदर्शन करेगी।