फिरोजपुर में हुआ जलभराव लोगों के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। इस बीच एक किसान पानी के तेज बहाव में बह गया। बताया जा रहा है कि किसान ने खुद को बचाने के लिए कई घंटे तक पेड़ का सहारा लिया।
फिरोजपुर में हुआ जलभराव लोगों के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। इस बीच एक किसान पानी के तेज बहाव में बह गया। बताया जा रहा है कि किसान ने खुद को बचाने के लिए कई घंटे तक पेड़ का सहारा लिया।
हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश और भाखड़ा बांध से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के बाद पंजाब के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए है। बताया जा रहा है कि इन जिलों में खेतों और सड़कों में भारी जलभराव हुआ है
फिरोजपुर में सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ने की वजह से कई लोगों के घरों में पानी घुस गया है तो किसानों की कई एकड़ फसल बर्बाद हो गई है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ कैबिनेट मंत्री ब्रह्म शंकर जिम्पा समेत जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे। इस दौरे के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर उन्हें हर संभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन भी दिया।
मुख्यमंत्री ने आगे बात करते हुए बताया कि इस समझौते से अगले 25 सालों में पंजाब के खजाने को 431 करोड़ रुपये की बचत होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि हमने अब तक का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा समझौता किया है, जिसके तहत हम सतलुज जल बिजली निगम से 1,200 मेगावाट बिजली खरीदेंगे। इस समझौते से अब पंजाब को प्रति यूनिट ₹2.53 पैसे बिजली मिलेगी।
भाखड़ा डैम लगातार सतलुज में पानी छोड़े जाने के बाद मोगा में बाढ़ जैसे हालात बन गए है। यहां सतलुज किनारे बसे करीब तीन गांवों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए है।
संगरूर पुलिस में तैनात एसएसआई वरिंदर सिंह को मेरीटोरियस सर्विस मेडल के लिए चुना गया है। उन्हें मिली इस सफलता पर संगरूर के एसएसपी ने बधाई दी है।
सतलुज नदी पर बने भाखड़ा बांध और ब्यास नदी के पौंग डैम से फ्लड गेट खोले जाने की वजह से पंजाब में बाढ़ जैसे हालात हो गए है।
आपको बता दें कि भाखड़ा बांध से 65 हजार क्यूसेक पानी सतलुज नदी में छोड़ा गया है जिसके कारण पंजाब के श्री आनंदपुर साहिब के कई गांव जलमग्न हो गए है और घरों में पानी घुसने लगा है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि जब कभी भी दुश्मनों की ओर से गोली चलती है तो पहला सीना पंजाबियों का होता है। उन्होंने कहा कि बीते कल, 14 अगस्त का दिन बंटवारे का दर्द भरा दिन था। दस लाख लोग मारे गए थे, हर जगह लहूलुहान लोग थे। सभी अपने ही पारिवारिक सदस्य और रिश्तेदार थे। पंजाब और लोग बंट गए। इसलिए आजादी पंजाब को अधिक महंगी पड़ी और इतिहास का याद रखना काफी जरूरी है।